
अदीस अबाबा, एजेंसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को इथियोपिया की संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित किया। इस दौरान उनका जोरदार स्वागत किया गया। प्रधानमंत्री मोदी ने संसद को संबोधित करते हुए भारत-इथियोपिया संबंधों को ऐतिहासिक, मजबूत और भविष्य की संभावनाओं से भरा बताया। उन्होंने कहा कि आज भारतीय कंपनियां इथियोपिया में सबसे बड़े विदेशी निवेशकों में से एक हैं।
अपने संबोधन की शुरुआत करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि लोकतंत्र के इस मंदिर में आकर उन्हें गर्व और सम्मान की अनुभूति हो रही है। उन्होंने कहा कि वह 1.4 अरब भारतीयों की शुभकामनाएं लेकर आए हैं और इथियोपिया की जनता, संसद और लोकतांत्रिक यात्रा के प्रति भारत का गहरा सम्मान व्यक्त करते हैं। उन्होंने इस अवसर पर इथियोपिया को “शेरों की भूमि” बताते हुए कहा कि उन्हें यहां घर जैसा अनुभव हो रहा है।
हमें अपनी संस्कृति पर गर्व
प्रधानमंत्री ने भारत और इथियोपिया की सांस्कृतिक समानताओं पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि भारत का राष्ट्रीय गीत ‘वंदे मातरम’ और इथियोपिया का राष्ट्रगान, दोनों ही मातृभूमि को ‘मां’ के रूप में संबोधित करते हैं। ये गीत हमें अपनी संस्कृति पर गर्व करना और अपनी धरती की रक्षा के लिए प्रेरित करते हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि उनकी सरकार के पिछले 11 वर्षों में भारत और अफ्रीका के बीच संबंध कई गुना मजबूत हुए हैं। भारत और इथियोपिया, दोनों ही प्राचीन सभ्यताएं हैं, जो आधुनिक आकांक्षाओं के साथ आगे बढ़ रही हैं। उन्होंने कहा कि प्राचीन ज्ञान और आधुनिक महत्वाकांक्षाओं के बीच संतुलन ही इथियोपिया की असली ताकत है।
एक-दूसरे से सीखें भारत और इथियोपिया
प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि विकासशील देशों के रूप में भारत और इथियोपिया के पास एक-दूसरे से सीखने और साझा करने के लिए बहुत कुछ है। उन्होंने वैश्विक व्यवस्था में सुधार की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि यदि विश्व की संस्थाएं अतीत में अटकी रहेंगी, तो प्रगति संभव नहीं है। भारत की परिकल्पना एक ऐसे विश्व की है, जहां ‘ग्लोबल साउथ’ किसी के खिलाफ नहीं, बल्कि सभी के कल्याण के लिए आवाज उठाए।
गौरतलब है कि पीएम मोदी का यह संबोधन इथियोपिया के प्रधानमंत्री अबी अहमद अली के साथ हुई द्विपक्षीय वार्ता के एक दिन बाद आया है। इस बैठक में दोनों देशों ने अपने संबंधों को रणनीतिक साझेदारी के स्तर तक बढ़ाया। बातचीत में खाद्य और स्वास्थ्य सुरक्षा, डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर, ऊर्जा, फार्मास्यूटिकल्स, मेडिकल टूरिज्म और महत्वपूर्ण खनिजों के क्षेत्र में सहयोग पर विशेष जोर दिया गया।
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