‘ऑपरेशन सिंदूर तो सिर्फ ट्रेलर था’, राजनाथ सिंह का पाकिस्तान को दो टूक संदेश

र राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि ऑपरेशन सिंदूर तो सिर्फ ट्रेलर था, पाकिस्तान की पूरी जमीन ब्रह्मोस की रेंज में है।

Lucknow. देश की रक्षा शक्ति ने शनिवार को एक नया इतिहास रच दिया। राजधानी लखनऊ में स्थित ब्रह्मोस एयरोस्पेस यूनिट से सुपरसोनिक ब्रह्मोस मिसाइलों के पहले बैच को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस मौके पर राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि ऑपरेशन सिंदूर तो सिर्फ ट्रेलर था, पाकिस्तान की पूरी जमीन ब्रह्मोस की रेंज में है।

दिसंबर 2021 में रखी गई इस यूनिट की आधारशिला से लेकर मई 2025 में हुए औपचारिक शुभारंभ तक, यह परियोजना उत्तर प्रदेश डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर का गौरव बन चुकी है। केवल पांच महीने में पहला उत्पादन पूरा कर लेना भारत के रक्षा उद्योग में एक रिकॉर्ड उपलब्धि है। यूनिट का लक्ष्य हर साल 80 से 100 ब्रह्मोस मिसाइलें तैयार करने का है।

राजनाथ सिंह ने कहा कि ब्रह्मोस अब सिर्फ एक मिसाइल नहीं, बल्कि भारत की आत्मनिर्भर सैन्य क्षमता का प्रतीक है। इसमें पारंपरिक वारहेड, एडवांस गाइडेंस सिस्टम और सुपरसोनिक गति का ऐसा संयोजन है जो इसे दुनिया की सर्वश्रेष्ठ मिसाइलों में शुमार करता है। उन्होंने कहा कि थलसेना, नौसेना और वायुसेना – तीनों की रीढ़ बन चुकी ब्रह्मोस अब भारत की सुरक्षा नीति का केंद्र है।

उन्होंने कहा कि लखनऊ में यह यूनिट बताती है कि भारत अब उपभोक्ता नहीं, बल्कि रक्षा तकनीक का उत्पादक देश बन गया है। हमारी जीत अब कोई घटना नहीं, बल्कि आदत बन चुकी है।

सीएम योगी बोले – लखनऊ बना टेक्नोलॉजी का शहर

इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि ब्रह्मोस मिसाइल निर्माण केवल सैन्य उपलब्धि नहीं, बल्कि उत्तर प्रदेश के औद्योगिक विकास की मिसाल है। उन्होंने कहा कि लखनऊ अब सिर्फ तहज़ीब नहीं, बल्कि टेक्नोलॉजी का शहर बन गया है। योगी ने बताया कि यूनिट से अब तक 40 करोड़ रुपये जीएसटी राजस्व प्राप्त हुआ है, जो आने वाले वर्षों में 200 करोड़ रुपये तक पहुंचने की उम्मीद है। साथ ही, इससे सैकड़ों युवाओं को रोजगार भी मिला है।

क्यों कांपता है दुश्मन ब्रह्मोस से

ब्रह्मोस मिसाइल ध्वनि की गति से तीन गुना तेज (Mach 2.8–3) उड़ान भर सकती है। इसे जमीन, हवा और समुद्र, तीनों प्लेटफॉर्म से लॉन्च किया जा सकता है। फायर एंड फॉरगेट तकनीक पर आधारित यह मिसाइल 500 से 800 किलोमीटर तक की दूरी तय कर सकती है और 300 किलोग्राम तक वारहेड ले जाने में सक्षम है। इसकी स्टेल्थ तकनीक इसे दुश्मन के रडार से बचाती है, और इसे Su-30 MKI जैसे लड़ाकू विमानों से भी लॉन्च किया जा सकता है।

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रक्षा विशेषज्ञों ने इसे भारत के रक्षा इतिहास का टर्निंग पॉइंट बताया है। उनके अनुसार, लखनऊ से ब्रह्मोस मिसाइलों की पहली खेप रवाना होना आत्मनिर्भर भारत, वैज्ञानिक नवाचार और औद्योगिक शक्ति का जीवंत प्रमाण है, जिससे भारत न केवल अपनी रक्षा जरूरतें पूरी करेगा बल्कि मित्र देशों की सुरक्षा क्षमता भी बढ़ाएगा।

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