Operation Sagar Bandhu: चक्रवात ‘डिटवा’ की त्रासदी में भारत ने श्रीलंका को दिया सच्चा ‘बंधुत्व’ का सहारा

Operation Sagar Bandhu: श्रीलंका में भीषण चक्रवाती तूफान ‘डिटवा’ की विनाशलीला के बाद कई ज़िलों में आई बाढ़ और भूस्खलन से जनजीवन पूरी तरह ठप हो चुका है। इस विकट आपदा की घड़ी में, भारत ने अपनी ‘पड़ोसी प्रथम’ की नीति पर दृढ़ता दिखाते हुए, श्रीलंका के प्रति अपनी गहरी मित्रता और मानवीय प्रतिबद्धता को साबित किया है।

भारत ने तत्काल मदद के लिए ‘ऑपरेशन सागर बंधु’ नामक एक व्यापक मानवीय मिशन शुरू किया है, जिसका उद्देश्य श्रीलंका के राहत कार्यों में सहयोग करना और आपदा में फंसे भारतीय नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है।

मिशन का प्रारंभ: नौसेना की तत्परता

विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने इस महत्वपूर्ण मिशन के शुरू होने की पुष्टि की। भारतीय नौसेना ने त्वरित प्रतिक्रिया देते हुए राहत सामग्री की पहली खेप लेकर तुरंत कोलंबो की ओर प्रस्थान किया।

  • आईएनएस उदयगिरी और आईएनएस विक्रांत राहत सामग्री के साथ कोलंबो पोर्ट पहुँचे, जो भारत की तत्काल मदद की तत्परता को दर्शाता है।

बहु-चरणीय राहत अभियान: हर ज़रूरत का सामान

भारत ने अपनी मानवीय सहायता को तेज़ी से और व्यवस्थित चरणों में श्रीलंका पहुँचाया है, जिसमें ज़मीन और हवाई मार्ग दोनों का इस्तेमाल किया गया है:

चरण तिथि/विवरण सहायता का प्रकार सामग्री का विवरण
शुरुआत नेवी जहाजों द्वारा खाद्य सामग्री 4.5 टन सूखा राशन, 2 टन ताज़ा राशन।
पहला एयरलिफ्ट सी-130 जे एयरक्राफ्ट प्राथमिक राहत लगभग 12 टन सामान (टेंट, तिरपाल, कंबल, हाइजीन किट और तैयार भोजन)।
विशेषज्ञ टीमें 29 नवंबर (आईएल-76) विशेषज्ञ बल 9 टन अतिरिक्त सप्लाई और 80 एनडीआरएफ जवानों के साथ दो अर्बन सर्च एंड रेस्क्यू टीमें।
तकनीकी सपोर्ट 30 नवंबर (सी-130 जे) तकनीकी एवं स्वास्थ्य लगभग 10 टन डिजास्टर-रिस्पॉन्स उपकरण, भीष्म क्यूब्स और ऑन-ग्राउंड मेडिकल टीम।

जीवनरक्षक उड़ानें: हवाई सहयोग और बचाव कार्य

राहत सामग्री के वितरण के साथ ही, भारतीय नौसेना ने व्यापक एरियल सर्च और रेस्क्यू ऑपरेशन भी चलाए।

  • डॉ. जयशंकर ने ‘एक्स’ पर जानकारी दी कि आईएनएस विक्रांत से दो चेतक हेलीकॉप्टर श्रीलंकाई नागरिकों को बचाने और खोज कार्यों के लिए उड़ान भर चुके हैं।

  • 29 नवंबर को भारतीय उच्चायोग ने बताया कि इन हेलीकॉप्टरों ने चक्रवात डिटवा से प्रभावित लोगों की सहायता के लिए कई जीवनरक्षक उड़ानें भरीं।

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फंसे भारतीयों की सुरक्षित निकासी: ऑपरेशन का अंतिम चरण

एयर ट्रैफिक में भारी रुकावटों के चलते कोलंबो के बंदरनायके इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर फंसे भारतीय यात्रियों की मदद के लिए उच्चायोग सक्रिय रहा, उन्हें भोजन, पानी और अन्य सहायता दी गई। इसके बाद एक समन्वित निकासी अभियान शुरू किया गया:

  • 30 नवंबर को इंडियन हाई कमीशन और इंडियन एयर फोर्स के समन्वय से 247 यात्रियों को लेकर एक आईएल-76 तिरुवनंतपुरम रवाना हुआ।

  • एक अन्य सी-130 जे से 76 यात्रियों को दिल्ली पहुँचाया गया।

  • ऑपरेशन के तहत, कोलंबो एयरपोर्ट पर फंसे भारतीयों के 104 यात्रियों के अंतिम बैच को भी तिरुवनंतपुरम ले जाया गया।

यह तीव्र और सुव्यवस्थित निकासी ‘ऑपरेशन सागर बंधु’ की सफलता का एक अहम कदम है। भारत इस मुश्किल समय में श्रीलंका के साथ मजबूती से खड़ा है और जान बचाने तथा समय पर राहत पहुंचाने के लिए मिलकर काम कर रहा है।

रिपोर्ट. शाश्वत तिवारी

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