New York News-भारत ने यूएन में कहा- ‘जम्मू-कश्मीर और लद्दाख हमारा था, है और रहेगा

“जम्मू-कश्मीर और लद्दाख भारत के थे, हैं और रहेंगे”

New York News-भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में पाकिस्तान के विभाजनकारी एजेंडे की कड़ी आलोचना करते हुए जम्मू-कश्मीर मुद्दे को बार-बार उठाने पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। भारत ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और लद्दाख भारत के अभिन्न और अविभाज्य हिस्से हैं—वे थे, हैं और हमेशा रहेंगे।

यूएनएससी में ‘शांति के लिए नेतृत्व’ विषय पर आयोजित खुली बहस के दौरान संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत पी. हरीश ने पाकिस्तान के बयान का जवाब देते हुए कहा कि आज की बहस में जम्मू-कश्मीर का बेवजह ज़िक्र करना भारत और उसके लोगों को नुकसान पहुंचाने को लेकर पाकिस्तान के जुनूनी रवैये को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि एक गैर-स्थायी सुरक्षा परिषद सदस्य से, जो हर मंच का दुरुपयोग अपने विभाजनकारी एजेंडे के लिए करता है, जिम्मेदार आचरण की उम्मीद नहीं की जा सकती।

भारत के स्थायी मिशन द्वारा जारी बयान के अनुसार, राजदूत हरीश ने सिंधु जल संधि का उल्लेख करते हुए कहा कि भारत ने यह संधि 65 वर्ष पहले सद्भावना और मित्रता की भावना से की थी, लेकिन पाकिस्तान ने भारत पर तीन युद्ध थोपकर और हजारों आतंकी हमले कर इसकी भावना का बार-बार उल्लंघन किया। पिछले चार दशकों में पाकिस्तान-प्रायोजित आतंकवाद में हजारों भारतीयों की जान गई है। इसी पृष्ठभूमि में भारत ने स्पष्ट किया कि जब तक पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद और उसके सभी स्वरूपों को समर्थन देना बंद नहीं करता, तब तक संधि को निलंबित रखा जाएगा।

राजदूत हरीश ने पाकिस्तान की आंतरिक राजनीति पर भी कटाक्ष करते हुए कहा कि वह ऐसा देश है जो अपने एक प्रधानमंत्री को जेल में डाल देता है और अपने सेना प्रमुख को आजीवन विशेषाधिकार (इम्यूनिटी) देता है। उन्होंने इसे जनता की इच्छा का सम्मान करने का एक ‘अनोखा तरीका’ बताया।

इससे पहले भारत ने सुरक्षा परिषद में सुधार की अपनी मांग दोहराते हुए कहा कि परिषद की लगभग आठ दशक पुरानी संरचना वर्तमान वैश्विक वास्तविकताओं को प्रतिबिंबित नहीं करती और इसमें तत्काल सुधार एक वैश्विक आवश्यकता है।

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रिपोर्ट: शाश्वत तिवारी

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