New Delhi: मेडिकल प्रवेश परीक्षा NEET में सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट को जो रिपोर्ट सौंपी उसमें साफ़ दिखाई देता है कि एग्जाम में गड़बड़ी हुई है। पर देश के शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान का कहना है की 7 सालों में कोई भी परीक्षा लीक के मामले सामने आये ही नहीं, अब या तो शिक्षा मंत्री अपनी आँखों पर गांधारी वाली पट्टी बांधे हुए है या फिर माननीयों का आदेश होगा की अपनी गलती माननी नहीं, भाई अब अपने बेटे को काना कौन कहता है। इसके बाद CID का ये डायलॉग याद करना तो बनता है न।
SC ने प्रवेश परीक्षा दोबारा कराये जाने की मांग को खारिज करते हुए ये पूरी तरह साफ़ कर दिया है कि UG-NEET एग्जाम रद्द नहीं होंगे। हालाँकि कोर्ट ने यह भी माना कि झारखंड के हजारीबाग और बिहार के पटना में पेपर लीक हुआ, लीक से 155 छात्रों को फायदा भी मिला, पर इसका पूरे रिजल्ट पर असर नहीं पड़ा है। कोर्ट के फैसले के साथ ही आईना पूरी तरह साफ़ हो गया। स्थानीय स्तर पर हुई बंदरबांट को लेकर पूरे देश में परीक्षा रद्द नहीं की जाएगी ये भी स्पष्ट कर दिया गया। पर सवाल ये उठता है कि आख़िर ऐसे मामले लगातार सामने क्यों आ रहे है, क्या देश का भविष्य कुछ ऐसे लोगो के हाथ लग गया है जो चंद पैसों के लिए सारे सिस्टम को ही खोखला करते जा रहे है। और अगर सब ठीक है तो ऐसे केस सामने आ क्यों रहे है। आखिर कौन जिम्मेदारी लेगा की आगे ऐसा न हो और जो गलत करे उसपर ठोस कार्रवाई हो। जिस तत्परता से NEET-UG परीक्षा में धांधली की जाँच हुई शायद उसी तत्परता से ये भी मुक़र्ररर करने की जरुरत है की आगे ऐसा न हो।
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खैर CBI ने पेपर लीक का भंड़फोड़ कर दिया है और SC ने इसपर अपना फैसला भी सुना दिया। पर आपके लिए ये जानना भी जरुरी है कि ये सब हुआ पॉसिबल कैसे हुआ। दरअसल, नीट-यूजी पेपर लीक केस में केंद्र सरकार ने सीबीआई को जांच के निर्देश दिए थे। सीबीआई ने इस पूरे मामले की छानबीन शुरू की और बैक टू बैक गिरफ्तारियां करना शुरू किया तो सारा कनेक्शन हज़ारीबाग जाकर पहुंचा। लम्बे समय तक CBI की टीम पटना से लेकर रांची तक डेरा डाले रही, सीबीआई के अतिरिक्त निदेशक ने बेंच को बताया कि जांच एजेंसी ने पटना में जले हुए प्रश्न पत्र के टुकड़े को हासिल किया और पेपर पर यूनिक सीरियल नंबर के आधार पर पाया कि ये पेपर हजारीबाग के एक स्टूडेंट का था। पूरी जानकारी पर जायँगे तो वीडियो बहुत लम्बा हो जायेगा। पर इतना समझ लीजिए की देश को शिक्षा पर ढेर सारा काम करने की जरुरत है, कठोर से कठोर नियमो को लाना अब जरुरत बन गई है ताकि, आगे लेखपाल परीक्षा, पुलिस भर्ती परीक्षा या नीट जैसे मामले दोबारा सामने न आये।