
New Delhi: विदेश मंत्रालय ने श्रीलंका से 15 भारतीय मछुआरों की सफल वापसी की पुष्टि की है। अंतरराष्ट्रीय समुद्री सीमा पार करने के आरोप में श्रीलंकाई अधिकारियों द्वारा हिरासत में लिए गए ये मछुआरे अब चेन्नई के रास्ते सुरक्षित भारत लौट आए हैं। भारत सरकार निरंतर राजनयिक प्रयासों के माध्यम से उनकी रिहाई के लिए प्रयासरत है। पिछले कुछ वर्षों में, इन प्रयासों से श्रीलंका से बड़ी संख्या में भारतीय नागरिकों की वापसी संभव हुई है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2024 में 538 मछुआरों को वापस लाया गया, जबकि 2023 में 240 और 2022 में 268 मछुआरों को स्वदेश लाया गया। मार्च 2025 तक, तमिलनाडु के 76, पुडुचेरी के 9 और केरल के 2 मछुआरे अपने परिवारों से मिल चुके हैं और इसके बाद अब अक्टूबर 2025 तक भी कई समूहों में भारतीय मछुआरे अपने घर वापस आए हैं।
श्रीलंका में स्थित भारतीय उच्चायोग और महावाणिज्य दूतावास के अधिकारी हिरासत में लिए गए मछुआरों की सहायता में सक्रिय रूप से लगे हुए हैं। वे नियमित रूप से जेलों और हिरासत केंद्रों का दौरा करते हैं, ताकि उनकी कुशलक्षेम पर नजर रखी जा सके, कानूनी सहायता सुनिश्चित की जा सके और उनकी रिहाई व स्वदेश वापसी में तेजी लाई जा सके। ये जमीनी प्रयास श्रीलंकाई अधिकारियों के साथ भारत की व्यापक राजनयिक पहुंच के पूरक हैं।
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भारत सरकार भारतीय मछुआरों की सुरक्षा, संरक्षा और कल्याण को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है। तटीय आजीविका में उनके महत्वपूर्ण योगदान को स्वीकार करते हुए, भारत स्थापित द्विपक्षीय तंत्रों, राजनयिक माध्यमों और सक्रिय वाणिज्य दूतावासीय संपर्क के माध्यम से उनकी गिरफ्तारी और हिरासत से संबंधित मुद्दों को उठाता रहता है। निरंतर संवाद और मानवीय प्रयासों के माध्यम से, सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता पर अडिग है कि विदेश में संकटग्रस्त प्रत्येक भारतीय मछुआरे को समय पर सहायता मिले और वह सुरक्षित घर लौट आए।
(रिपोर्ट. शाश्वत तिवारी)