
Naugam Blast – श्रीनगर के नौगाम पुलिस स्टेशन में ठीक 11:22 बजे एक तीखा धमाका हुआ, जिसकी गूंज पूरे इलाके में सुनाई दी। धमाका इतना शक्तिशाली था कि थाने की खिड़कियों के कांच चकनाचूर हो गए और भीतर मौजूद कई लोग मौके पर ही मारे गए।
मृतकों में एक तहसीलदार, एक इंस्पेक्टर सहित कुल 9 लोग शामिल हैं। कई शव बुरी तरह क्षतिग्रस्त होने के कारण पहचान अभी भी बाकी है।
29 लोग घायल हैं, जिनमें ज्यादातर पुलिसकर्मी हैं। घायल 92 आर्मी बेस हॉस्पिटल और SKIMS सौरा में भर्ती हैं। अस्पतालों के बाहर खड़े परिजनों की आंखों में सिर्फ एक सवाल— क्या वह बच जाएगा?
विस्फोट कैसे हुआ?
अधिकारियों के अनुसार, उस समय पुलिस व्हाइट कॉलर आतंकी मॉड्यूल केस में बरामद विस्फोटकों की सैंपलिंग कर रही थी। जांच टीम को अंदाजा नहीं था कि परीक्षण के दौरान इतना बड़ा विस्फोट हो जाएगा।
अभी यह भी स्पष्ट नहीं है कि पूरा 360 किलो विस्फोटक थाने में मौजूद था या उसका कुछ हिस्सा ही लाया गया था।
विस्फोटक आया कहाँ से था?
ये वही सामग्री थी जो हरियाणा के फरीदाबाद में डॉ. मुज़म्मिल गनई के किराए के मकान से बरामद हुई थी।
गनई पहले ही दिल्ली कार ब्लास्ट केस में गिरफ्तार है—वही घटना जिसमें 10 नवंबर को लाल किला के पास 13 लोगों की मौत हुई थी।
दिल्ली से उठी आग, श्रीनगर में राख छोड़ गई
फरीदाबाद के एक किराए के घर से शुरू हुई यह साजिश, दिल्ली में जानें लेने के बाद अब श्रीनगर तक आ पहुँची। नौगाम थाने का यह धमाका सिर्फ एक हादसा नहीं—यह बताता है कि एक विस्फोट कभी सिर्फ दीवारें नहीं गिराता, वह घरों की उम्मीदें, बच्चों के भविष्य और परिवारों की पूरी दुनिया तोड़ देता है।
जांच जारी है, जवाब तलाशे जा रहे हैं—लेकिन जिन 9 परिवारों की जिंदगी आज थम गई, उनके लिए यह सिर्फ एक तारीख नहीं, हमेशा न मिटने वाला जख्म है।



