
Nainital News- नैनीताल हाई कोर्ट ने बागेश्वर जिले में खड़िया खनन से आई दरारों के मामले में स्वतः संज्ञान लेने वाली जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद इस मामले में नियुक्त न्यायमित्र सहित खनन अधिकरियों को फिर से खुदानों का मौका मुआयना करने एवं इसकी रिपोर्ट कोर्ट में पेश करने के निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने इस मामले की दोबारा से जांच करने के आदेश सभी एजेंसियों को दिए हैं। पूर्व में भी कोर्ट ने गांव वालों की शिकायत पर दो न्यायमित्र नियुक्त कर मामले की जांच कराई थी लेकिन कोर्ट उससे सन्तुष्ट न होकर सभी एजेंसियों से अपने अपने माध्यम से जांच करने के बाद रिपोर्ट पेश करने को कहा है। इस प्रकरण पर सम्बंधित अधिकारी पूर्व के आदेश के क्रम में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कोर्ट में पेश हुए। सुनवाई के दौरान उनके द्वारा समस्या की वर्तमान समस्या से अवगत कराया। एसपी बागेश्वर की ओर से कहा गया कि खुदानों की जांच उच्च न्यायलय के द्वारा जारी दिशा निर्देशों पर की जा रही है ,वहीं जांच कमेटी के अध्यक्ष ने सुविधाएं न मिलने का ब्यौरा देकर कहा कि इस वजह से अभी तक खुदानों की जांच पूरी न हो सकी। न्यायमित्र की तरफ से कहा गया कि यह मामला अति गम्भीर है अवैध रूप से हुए खनन के कारण कई गांव में दरारें आ गई है यही नही एक हजार साल पुराना कालिका मदिंर में भी दरारें आ गयी है। सॉफ्ट स्टोन खनन करने के कारण पूरा जिला आपदा की जद में आ गया है।
Read Also-Romantic dinner recipe ideas: 5 ऐसी रोमांटिक डिनर रेसिपी जो आपकी डेट नाइट को बनाए बेहतरीन
मुख्य न्यायाधीश जी नरेंद्र एवं न्यायमूर्ति आशीष नैथानी की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। मामले के अनुसार बागेश्वर जिले के कांडा तहसील के ग्रामीणों ने मुख्य न्यायाधीश को पत्र भेजकर कहा था कि अवैध खड़िया खनन करने के कारण उनकी कृषि भूमि, जल स्रोत, पौराणिक मंदिर सहित गांव की भूमि में दरारें आ चुकी है। लिहाजा इस अवैध खनन पर रोक लगाई जाए। पहले खड़िया खनन से क्षेत्रवासियों को रोजगार मिलता था अब अधिक धन कमाने के लिए खुदान मालिक मशीनों से खुदान कर रहे, जिसकी वजह से घरों, मंदिरों, पहाड़ियों, स्कूलों में बड़ी बड़ी दरार आने लगी है, इसलिए मशीनों एवं अवैध खनन पर रोक लगाई जाए। अगर रोक नहीं लगीं तो बागेश्वर जिले के हालात जोशीमठ की तरह होंगे।