
Nag Panchami 2025: श्रावण मास में आने वाले नागपंचमी पर्व का विशेष धार्मिक महत्व है। इस अवसर पर प्रयागराज स्थित प्रमुख शिव मंदिरों में मंगलवार सुबह से ही श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। भक्तों ने नागों के राजा वासुकी की पूजा-अर्चना कर उनका आशीर्वाद प्राप्त किया।
नागवासुकी मंदिर में लगी श्रद्धालुओं की लंबी कतारें
प्रयागराज के दारागंज स्थित नागवासुकी मंदिर में तड़के से ही श्रद्धालु पूजा के लिए पहुंचने लगे। मंदिर परिसर में नाग देवता की पूजा हेतु भक्त घंटों अपनी बारी का इंतजार करते नजर आए। भक्तों का विश्वास है कि नागपंचमी पर वासुकी नाग की पूजा करने से कालसर्प दोष से मुक्ति मिलती है।
शहर के अन्य प्रमुख मंदिरों में भी दिखा उत्साह
नागपंचमी के दिन प्रयागराज के अन्य प्रमुख शिव मंदिरों जैसे—
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मनकामेश्वर मंदिर
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ब्रम्हेश्वर महादेव मंदिर
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शिवकुटी स्थित कोटेश्वर महादेव मंदिर
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पाण्डेश्वर महादेव मंदिर
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तक्षक मंदिर
में भी श्रद्धालुओं की बड़ी संख्या में उपस्थिति देखी गई। श्रद्धालु विशेष पूजन, अभिषेक और मंत्रोच्चारण के साथ भगवान शिव और नागदेवता की आराधना करते दिखे।
नागवासुकी मंदिर का पौराणिक महत्व
निरंजनी अखाड़े के महामंडलेश्वर बलबीर गिरी के अनुसार, समुद्र मंथन के पश्चात भगवान विष्णु के आदेश पर नागराज वासुकी ने प्रयागराज के ऊंचे स्थान पर विश्राम किया था। यही स्थान आज नागवासुकी मंदिर के रूप में प्रसिद्ध है। उन्होंने बताया कि श्रावण मास में यहां पूजा करने से सर्प दोष और कालसर्प योग जैसे कष्ट दूर हो जाते हैं।
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सुरक्षा और व्यवस्था चाक-चौबंद
स्थानीय प्रशासन द्वारा मंदिरों में सुरक्षा के विशेष इंतजाम किए गए थे। पुलिस और स्वयंसेवकों की तैनाती के साथ भीड़ नियंत्रण एवं श्रद्धालुओं की सुविधाओं का पूरा ध्यान रखा गया। मंदिर परिसर में साफ-सफाई और पेयजल की व्यवस्था भी की गई थी।