Mumbai- लगातार बाधित हो रही बिजली आपूर्ति, रुके उपकेंद्रों, भूमिगत बिजली लाइनों समेत अन्य समस्याओं को सुलझाने के आदेश महावितरण के अधिकारियों को दिए गए हैं। वसई विरार के बिजली समस्या को सुलझाने के लिए 1,850 करोड़ रुपए की योजना बनाई जाएगी। वसई-विरार शहर में बिजली आपूर्ति महावितरण द्वारा की जाती है। बढ़ती जनसंख्या के कारण बिजली की मांग बढ़ी है, लेकिन बिजली वितरण व्यवस्था में तकनीकी समस्याओं के कारण लगातार बिजली आपूर्ति में रुकावटें हो रही थीं। इसका असर आम नागरिकों के साथ-साथ औद्योगिक क्षेत्र पर भी पड़ रहा था। इस बारे में कई बार महावितरण कार्यालय के सामने विभिन्न संगठनों द्वारा प्रदर्शन किए गए थे। इन बिजली समस्याओं के समाधान के लिए वसई के विधायक हितेंद्र ठाकुर ने महावितरण अधिकारियों की मंत्रालय में तात्कालिक बैठक बुलाने की मांग की थी। इसी संदर्भ में मंत्रालय में एक समीक्षा बैठक आयोजित की गई थी।
Mumbai- Himanchal Pradesh: हिमाचल सरकार ने हटाये गए सीपीएस से खाली करवाए दफ्तर और आवास, वापिस ली गाड़ियां
इस बैठक के दौरान वसई-विरार की बिजली समस्या को शीघ्र सुलझाने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए गए थे। परिणाम स्वरूप बिजली क्षमता बढ़ाने के लिए आवश्यक उपकेंद्रों के काम की प्रक्रिया भी अगले महीने में पूरी कर काम शुरू कर दिया जाएगा। वसई विरार के लिए 1,850 करोड़ रुपए की योजना बनाई गई है। इसके तहत पहले 80 करोड़ रुपए का फंड मंजूर किया गया है, जबकि बाकी 1,770 करोड़ रुपये के निविदा कार्य अगले महीने से शुरू होंगे। इसके साथ ही केंद्र सरकार के राष्ट्रीय चक्रवात जोखिम कम करने परियोजना के तहत बिजली लाइनों को भूमिगत बनाने के लिए 184 करोड़ रुपये का फंड मंजूर किया गया है और उसकी निविदा निकाली जाएगी। औद्योगिक और शहरी क्षेत्र में बिजली वितरण सुविधाओं में सुधार के प्रयास जारी हैं। आने वाले 18 महीनों में बिजली संबंधित 100 प्रतिशत कार्य प्रगति पर होंगे। वसई के विधायक हितेंद्र ठाकुर ने कहा कि वसई-विरार शहर की बिजली समस्या को सुलझाने के लिए विभिन्न परियोजनाओं के कार्यों को मंजूर करवाया गया है। उच्चदाब उपकेंद्रों के काम भी जल्द शुरू होंगे।