
Meja (Prayagraj) : तहसील क्षेत्र मेजा के उरुवा ब्लाक स्थित समहन गांव में चल रहे श्रीमद्भागवत कथा ज्ञानयज्ञ के चौथे दिन भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। कथा स्थल को गुब्बारों, फूल-मालाओं और रंग-बिरंगी लाइटों से आकर्षक ढंग से सजाया गया था। जैसे ही कथा पंडाल में प्रसिद्ध भजन ‘नंद के घर आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की’ गूंजा, पूरा पंडाल “जय कन्हैया लाल की” के जयकारों से गूंज उठा। श्रद्धालु भक्त भाव में झूमते और नृत्य करते नजर आए।

मुख्य यजमान ह्रदय नारायण पांडे रहे। उनके साथ शिवचंद, शशिकांत, कृष्ण चंद, रजनीश, राहुल, कार्तिकेय सहित अजीत शुक्ला, हरिहर प्रसाद शुक्ला, राम भास्कर द्विवेदी, रमेश शुक्ल, पिंटू शुक्ला, आशीष द्विवेदी जैसे संभ्रांत व्यक्तियों की उपस्थिति रही।
कथावाचक परम पूज्य श्री धनञ्जय दास जी महाराज ने भगवान श्रीकृष्ण के बाल रूप और लीलाओं का मधुर वर्णन करते हुए धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष की महत्ता पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि जब-जब अत्याचार, अनाचार और अन्याय बढ़ा है, तब-तब प्रभु ने अवतार लेकर धर्म की पुनर्स्थापना की है। कंस के अत्याचार बढ़ने पर ही भगवान श्रीकृष्ण ने जन्म लेकर अधर्म का अंत किया।
श्री धनञ्जय दास जी महाराज ने प्रवचन में कहा कि जीवन में सद्मार्ग पर चलने के लिए संकल्प आवश्यक है। हर बच्चे को अपने माता-पिता और गुरु की आज्ञा का पालन करना चाहिए, क्योंकि जिन पर माता-पिता का आशीर्वाद होता है, उन्हें संसार में सब कुछ प्राप्त होता है। उन्होंने माता-पिता से आग्रह किया कि वे अपने बच्चों को भागवत कथा, सत्संग और कीर्तन में अवश्य लेकर आएं, ताकि उनमें अच्छे संस्कार विकसित हों।
कथा के दौरान बासुदेव, यशोदा और बालकृष्ण की झांकी प्रस्तुत की गई, जिसे देखकर श्रद्धालु भावविभोर हो उठे और नृत्य करने लगे। पंडाल का माहौल भक्तिरस और उल्लास से सराबोर रहा। कथा के आयोजक राहुल पाण्डेय ने सभी लोगों का आभार व्यक्त किया।
रिपोर्टर –सुशील कुमार पांडेय



