
Meja- शिक्षा विभाग में भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों के चलते उरुवा विकास खंड के खंड शिक्षा अधिकारी श्री राजेश यादव को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों के कई प्रधानाध्यापकों द्वारा शपथ पत्रों के माध्यम से उन पर रिश्वतखोरी, धमकी देने और मानसिक प्रताड़ना के आरोप लगाए गए हैं।
शिकायतों के मुताबिक, विभिन्न विद्यालयों को मिलने वाली कंपोजिट ग्रांट और भवन निर्माण धनराशि से 20% तक की घूस मांगी गई। कई शिक्षकों ने यह भी आरोप लगाया कि घूस न देने पर वेतन रोकने और सस्पेंशन की धमकी दी गई। शिकायतों की जांच के क्रम में कुछ शिक्षकों ने साक्ष्य भी प्रस्तुत किए, जिनमें प्रत्यक्ष रूप से रिश्वत देने की घटनाओं का उल्लेख है।
निदेशालय द्वारा कई बार स्पष्टीकरण मांगे जाने के बावजूद राजेश यादव द्वारा कोई उत्तर न देने पर उन्हें उत्तर प्रदेश सरकारी सेवक (अनुशासन एवं अपील) नियमावली-1999 के तहत 16 मई को निलंबित किया गया। साथ ही, परीक्षा नियामक प्राधिकारी के सचिव को जांच अधिकारी नामित किया गया है।
निलंबन अवधि में राजेश यादव मण्डलीय सहायक शिक्षा निदेशक (बेसिक), प्रयागराज कार्यालय से संबद्ध रहेंगे और नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ता प्राप्त करेंगे, बशर्ते वे किसी अन्य सेवा या व्यवसाय में संलग्न न हों।
रिपोर्ट/सुशील कुमार पांडेय