
Lucknow News. उत्तर प्रदेश की सियासत में मुस्लिम वोट बैंक को लेकर नई हलचल तेज हो गई है। लोकसभा चुनाव 2024 में मुस्लिम समुदाय का एकतरफा समर्थन हासिल करने वाली समाजवादी पार्टी (सपा) के लिए अब चिंता बढ़ सकती है। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती ने बुधवार को पार्टी के मुस्लिम समाज भाईचारा संगठन की विशेष बैठक में सपा और कांग्रेस पर तीखा हमला बोला और मुस्लिम समुदाय से सीधे समर्थन की अपील की।
मायावती ने कहा कि सपा और कांग्रेस ने हमेशा मुसलमानों को वोट बैंक की तरह इस्तेमाल किया, जबकि बसपा ने अपने शासनकाल में राज्य को दंगामुक्त, शोषणमुक्त और न्यायपूर्ण बनाया। उन्होंने कहा कि यदि मुस्लिम समाज बसपा को समर्थन देता है तो बीजेपी की विनाशकारी राजनीति को हराया जा सकता है।
सपा और कांग्रेस की कथनी और करनी में बड़ा अंतर
बसपा प्रमुख ने कहा कि सपा और कांग्रेस की कथनी और करनी में बड़ा अंतर है। सत्ता में आने के बाद ये पार्टियां अपने वादे भूल जाती हैं।
उन्होंने याद दिलाया कि 2022 के विधानसभा चुनावों में मुस्लिम समाज ने पूरी तरह सपा-कांग्रेस का साथ दिया, फिर भी बीजेपी को रोका नहीं जा सका। इसके विपरीत, 2007 में सीमित मुस्लिम समर्थन के बावजूद बसपा को पूर्ण बहुमत मिला था।
मायावती ने कहा कि सपा-कांग्रेस की “बहुजन विरोधी राजनीति” के कारण ही बीजेपी उत्तर प्रदेश में मजबूत हुई। उन्होंने आरोप लगाया कि हर चुनाव में सपा और कांग्रेस की पूरी ताकत बसपा को हराने में लगती है, न कि बीजेपी को।
उन्होंने मुस्लिम समुदाय से अपील की कि इस हकीकत को समझें और सपा-कांग्रेस के बहकावे में न आएं।
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बैठक में मायावती ने पार्टी पदाधिकारियों को निर्देश दिए कि वे मुस्लिम समाज में अपनी पहुंच मजबूत करें और भाईचारा संगठन को सक्रिय बनाएं। उन्होंने चेतावनी दी कि पार्टी में अनुशासनहीनता या भीतरघात बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
इस दौरान उन्होंने शमसुद्दीन राईन का उदाहरण देते हुए कहा कि चुनावी नुकसान पहुंचाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
सपा की तर्ज पर नीली टोपी
बसपा सुप्रीमो मायावती ने बैठक के दौरान “एमडी फैक्टर” (मुस्लिम-दलित) को मजबूत करने पर जोर दिया। दिलचस्प बात यह रही कि बैठक में दर्जनों बसपा नेताओं ने अखिलेश यादव की तरह नीली टोपी पहन रखी थी।
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मायावती ने खुद भी नीली टोपी पहनकर यह संकेत दिया कि बसपा अब मुस्लिम समाज के बीच नए राजनीतिक संदेश के साथ उतरने जा रही है।



