
Mau News: जिले में लंबे समय से न्यायिक कार्य ठप कर हक और सम्मान की लड़ाई लड़ रहे अधिवक्ताओं को बड़ी सफलता मिली है। डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन के नेतृत्व में चल रहे आंदोलन के बाद प्रशासन ने बड़ा एक्शन लिया। जिलाधिकारी प्रवीण मिश्र द्वारा संबंधित अधिकारियों का तबादला किए जाने के बाद अधिवक्ताओं ने हड़ताल समाप्त करने का निर्णय लिया है। अब 15 मई से जिले की सभी तहसीलों में न्यायिक कार्य पूरी तरह से बहाल हो जाएगा।
डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रमोद कुमार पालीवाल की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट बार पुस्तकालय में आयोजित अहम बैठक में यह निर्णय लिया गया कि अधिवक्ताओं के सम्मान और न्यायिक मर्यादा की रक्षा के लिए भविष्य में भी इसी प्रकार एकजुटता दिखाई जाएगी। बैठक का संचालन महामंत्री रितेश कुमार श्रीवास्तव ने किया।
अधिवक्ताओं की नाराजगी का कारण बने मधुबन एसडीएम अखिलेश यादव, घोसी एसडीएम अभिषेक गोस्वामी और तहसीलदार शैलेंद्र चंद्र सिंह के व्यवहार और कार्यप्रणाली को लेकर अधिवक्ता काफी समय से आंदोलित थे। उनकी कार्यशैली से आक्रोशित होकर अधिवक्ताओं ने सभी तहसीलों में 14 मई तक न्यायिक कार्य से विरत रहने का ऐलान किया था।
आंदोलन के दबाव में आए प्रशासन ने जब अधिवक्ताओं की मांगों पर गंभीरता दिखाई और अधिकारियों का तत्काल प्रभाव से तबादला कर दिया, तो अधिवक्ताओं में हर्ष की लहर दौड़ गई। बैठक में पूर्व अध्यक्ष विद्यानिधि उपाध्याय सहित कई वरिष्ठ अधिवक्ताओं ने डीएम द्वारा लिए गए त्वरित एक्शन की सराहना करते हुए कहा कि यह अधिवक्ताओं की एकजुटता और संकल्प का परिणाम है।
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यह आंदोलन जनपद की न्यायिक व्यवस्था के इतिहास में अधिवक्ताओं की एकजुटता और आत्मसम्मान के लिए खड़े होने का प्रतीक बन गया है। अब उम्मीद है कि जिले की न्यायिक प्रक्रिया एक बार फिर से सामान्य होकर जनसामान्य को न्याय दिलाने की दिशा में आगे बढ़ेगी। इस दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता कालिकादत्त पाण्डेय, राधेश्याम उपाध्याय, दिनेश राय, राम प्रकाश सिंह, सतिराम यादव समेत बड़ी तादाद में मधुबन, घोसी और मुहम्मदाबाद के अधिवक्ता मौजूद रहे।