Mau News-खाद्य पदार्थों एवं औषधियों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने हेतु जिला स्तरीय कमेटी की बैठक हुई संपन्न

Mau News-अपर जिलाधिकारी सत्यप्रिय सिंह की अध्यक्षता में जनपद में खाद्य पदार्थों एवं औषधियों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने तथा खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन मामलों में अधिनियम के प्रावधानों का प्रभावी क्रियान्वयन, अनुश्रवण एवं विनियमों को त्वरित गति से लागू करने के उद्देश्य से जिला स्तरीय कमेटी की बैठक कलेक्ट्रेट सभागार में संपन्न हुई।बैठक के दौरान खाद्य सुरक्षा अधिकारी सुरेश कुमार मिश्रा ने बताया कि इस समिति का मुख्य उद्देश्य खाद्य पदार्थों एवं औषधियों में मिलावटों पर अभियान चलाकर कार्यवाही कराया जाना तथा गुणवत्तापरक सुरक्षित एवं मानक के अनुरूप खाद्य पदार्थों एवं औषधियों के निर्माण एवं विक्रय सुनिश्चित किए जाने हेतु आवश्यक परिवर्तन कार्यवाही करना तथा स्थानीय आवश्यकताओं के अनुरूप अल्पकालीन एवं दीर्घकालीन एवं रणनीति तैयार कर प्रभावी परिवर्तन कार्यवाही किया जाना।

उन्होंने बताया कि अनुज्ञप्ति एवं पंजीकरण में शासन द्वारा निर्धारित लक्ष्य के सापेक्ष 10% की वृद्धि हुई है। विभागीय 12 प्रकार की योजनाएं सक्रिय हैं, जिसमें ईट राइट कैंपस योजना के अंतर्गत जनपद स्थित शासकीय अर्ध/शासकीय कार्यालयों/निजी प्रतिष्ठानों को इस योजना के अंतर्गत स्वास्थ्य वर्धक सुरक्षित एवं पौष्टिक भोजन के संबंध में जागरूक करते हुए स्वस्थ खान-पान की आदतों को विकसित किया जाना।

ईट राइट स्कूल योजना के अंतर्गत विद्यालयों में छात्र-छात्राओं को स्वास्थ्य वर्धक, सुरक्षित एवं पौष्टिक भोजन के संबंध में जागरूक करते हुए स्वस्थ खान पान के आदतों को विकसित करना। भोग योजना के अंतर्गत धार्मिक स्थलों में प्रसाद एवं भोजन की गुणवत्ता सुनिश्चित करते हुए इस कार्य में खाद्य कारोबारियों को प्रशिक्षण प्रदान किया जाना।ईट राइट स्टेशन योजना के अंतर्गत जनपद में रेलवे स्टेशनों पर स्थित खाद्य प्रतिष्ठानों को यात्रियों के लिए सुरक्षित और पौष्टिक भोजन प्रदान करने हेतु जागरूक एवं प्रशिक्षित किया जाना।
क्लीन स्ट्रीट फूड हब योजना के अंतर्गत जनपद में सड़क के किनारे पटरी पर लगाए व बेचे जाने वाले खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता तथा ऐसे कारोबारी को प्रशिक्षण प्रदान करते हुए क्लीन स्ट्रीट फूड हब विकसित किया जाना। फ्रेश फ्रूट एंड वेजिटेबल मार्केट योजना के तहत ताजा व सुरक्षित फल और सब्जियों को असंगठित क्षेत्र में कार्यरत कारोबारी को प्रशिक्षित करते हुए आम जनमानस को ताजा और सुरक्षित फल व सब्जियां प्राप्त कराया जाना। खाद्य सुरक्षा प्रशिक्षण एवं प्रमाणन योजना के तहत जनपद स्थित खाद्य प्रतिष्ठानों में कार्यरत कर्मचारियों को खाद्य पदार्थों के सुरक्षित निर्माण, पैकिंग, परिवहन व विक्रय विषयक प्राधिकरण तथा अधिकृत विशेषज्ञ संस्थाओं के माध्यम से प्रशिक्षित कर प्रमाणीकरण कराया जाना। एफ.एस.डब्लू. योजना के तहत आम जनमानस, छात्रों एवं खाद्य कारवाइयों को चलती फिरती प्रयोगशाला के माध्यम से मौके पर ही जांच करते हुए उन्हें जागरूक करना।

इसके अलावा उन्होंने बताया कि वित्तीय वर्ष के अंतर्गत मिलावटी खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने हेतु 336 छापे मारे गए, जिसमें 363 नमूने संग्रहित किए गए, 309 संग्रहित नमूने की जांच प्राप्त हुई, जिसमें 56 असुरक्षित तथा 201 नमूने मानकों के अनुरूप नहीं पाए गए। जिसके तहत अभियोजन ए.ओ. कोर्ट में 183 एवं न्यायिक न्यायालय में 69 तथा अवशेष 55 को आरसी जारी किया गया। आरसी के सापेक्ष कुल धनराशि 3705000 की वसूली की जाएगी।
इसके अलावा उन्होंने ने बताया कि जनपद में सर्वाधिक मिलावट वाले खाद्य पदार्थ जिसमें मसाला, नमकीन, मिठाइयां एवं घी है।
औषधि निरीक्षक राघवेंद्र सिंह ने बताया कि आम जनमानस को अच्छी गुणवत्ता और शुद्धता के साथ सुरक्षित औषधियां प्रदान करने के लिए विभाग के औषधि अनुभाग द्वारा एलोपैथिक, होम्योपैथिक ड्रग्स और कॉस्मेटिक निर्माण इकाइयों व औषधि विक्रय प्रतिष्ठानों का औचक निरीक्षण किया जाता है। निरीक्षण के दौरान संदिग्ध औषधीय को नियमानुसार एकत्र कर राजकीय विश्लेषक उत्तर प्रदेश को जांच एवं प्रशिक्षण हेतु भेजा जाता है। राज्य औषधि विश्लेषक से प्राप्त जांच रिपोर्ट के आधार पर औषधियों के मिस ब्रांडेड पाए जाने परनियमानुसार प्रकरण की विवेचना कर सक्षम न्यायालय में वाद दायर किया जाता है। उन्होंने बताया कि जनपद में थोक औषधि विक्रेता लाइसेंसों की संख्या 1071, फुटकर औषधि विक्रय लाइसेंस की संख्या 1273 हैं।

अपर जिलाधिकारी ने संबंधित विभागों को निर्देश दिए की जांच में निर्धारित मानकों का परीक्षण अवश्य करें। किसी प्रकार की मिलावट होने पर संबंधित विक्रेता के विरुद्ध कठोर कार्यवाही कराएं। इसके साथ ही व्यापार कर के सदस्यों से भी अपर जिलाधिकारी ने कहा कि खाने-पीने की सामग्रियों में मिलावटों के कारण तमाम प्रकार की बीमारियां उत्पन्न हो रही है, जिसके के लिए कहीं न कहीं संबंधित विभाग, व्यापार कर सहित विक्रेता आदि सम्मिलित हैं। उन्होंने कहा कि मसाला, नमकीन, घी एवं दूध आदि सामग्री व्यक्ति रोज की दिनचर्या में खाने पीने के प्रयोग में लाता है। यदि इन सभी सामग्रियों में मिलावटी होगी तो निश्चित रूप से लोग बीमार होंगे, इसको गंभीरता से लेते हुए अपर जिलाधिकारी ने कहा कि रोज के प्रयोग में लाने वाली वस्तुओं में मिलावट पाई जाती है तो संबंधित विक्रेता के विरुद्ध कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए। इसके साथ ही अपर जिलाधिकारी द्वारा जिला विद्यालय निरीक्षक एवं बेसिक शिक्षा अधिकारी को निर्देश दिए कि खाद्य सुरक्षा अधिकारी से समन्वय स्थापित कर विद्यालयों में अभियान चला कर बच्चों को मिलावटी खाद्य पदार्थों के बारे में जागरूक करें। जिससे बच्चे अनावश्यक वस्तुएं खाने से बचें।

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बैठक के दौरान मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी, क्षेत्राधिकार मोहम्मदाबाद गोहाना, जिला पूर्ति अधिकारी विकास गौतम, जिला कृषि अधिकारी सोमनाथ गुप्ता, जिला पंचायत राज अधिकारी किरन वर्मा, अधिशासी अधिकारी नगर पालिका सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।

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