
Lucknow news: हत्या के एक पुराने मामले में आजीवन कारावास की सजा भुगत रहे दंपति मूल चंद चौरसिया और उनकी पत्नी सुशीला देवी को उच्च न्यायालय, लखनऊ द्वारा जमानत दे दी गई है।
अधिवक्ता श्री शैलेश पाठक की ओर से प्रस्तुत किए गए तर्कों को मिला समर्थन
इस मामले में अपील करता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता श्री शैलेश पाठक ने उच्च न्यायालय के समक्ष प्रभावी तर्क प्रस्तुत किए। उन्होंने न्यायालय को यह विश्वास दिलाया कि मामले में सजा के बावजूद कई कानूनी और तथ्यात्मक विसंगतियाँ मौजूद हैं, जिनके आधार पर अभियुक्तों को जमानत मिलनी चाहिए।
माननीय न्यायालय ने दिया रिहा करने का आदेश
अधिवक्ता पाठक के तर्कों को संतोषजनक पाते हुए माननीय उच्च न्यायालय, लखनऊ की पीठ ने दोनों अभियुक्तों को जमानत पर रिहा करने का आदेश पारित किया। इसके साथ ही न्यायालय ने यह भी कहा कि अपील लंबित रहने तक अभियुक्तों को कुछ शर्तों के साथ रिहा किया जाएगा।
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लंबे समय से काट रहे थे सजा
गौरतलब है कि मूल चंद चौरसिया और सुशीला देवी पिछले कई वर्षों से आजीवन कारावास की सजा भुगत रहे थे। अब उन्हें न्यायालय द्वारा दी गई इस राहत के बाद जेल से रिहा किए जाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।