
Lucknow News-मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को विधानसभा में स्पष्ट किया कि उत्तर प्रदेश में कोडीन कफ सिरप के सेवन से किसी भी व्यक्ति की मौत नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि विपक्ष इस मुद्दे पर जनता को गुमराह कर रहा है, जबकि सरकार मामले की गहन जांच कर रही है।
प्रश्नकाल के दौरान विपक्ष द्वारा उठाए गए सवालों पर प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि नकली दवाओं से मौत का कोई प्रमाण सामने नहीं आया है। उन्होंने आरोप लगाया कि जिस कोडीन कफ सिरप के होलसेलर को एसटीएफ ने पकड़ा है, उसे वर्ष 2016 में तत्कालीन समाजवादी पार्टी सरकार के दौरान लाइसेंस जारी किया गया था।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यह मामला कोडीन कफ सिरप के अवैध डायवर्जन से जुड़ा है। कुछ लोगों ने इस सिरप को उन देशों में भेजा, जहां इस पर प्रतिबंध है। उन्होंने स्पष्ट किया कि कोडीन कफ सिरप पर डॉक्टर की सलाह से सेवन का उल्लेख होता है, इसके बावजूद इसका दुरुपयोग किया गया।
उन्होंने बताया कि इस प्रकरण में अब तक 78 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है, प्रदेशभर में 134 फर्मों पर छापेमारी की गई है और 225 अभियुक्तों को नामजद किया गया है। मुख्यमंत्री ने दावा किया कि जांच आगे बढ़ने पर समाजवादी पार्टी से जुड़े लोगों की संलिप्तता सामने आएगी। उन्होंने यह भी कहा कि एक लेन-देन सपा की लोहिया वाहिनी के एक पदाधिकारी के खाते से जुड़ा पाया गया है, जिसकी जांच जारी है।
मुख्यमंत्री ने दोहराया कि इस मामले में आरोपियों के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि “बुलडोजर कार्रवाई के लिए तैयार है” और दोषियों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा।
इससे पहले शीतकालीन सत्र के दौरान नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय और सपा विधायक अतुल प्रधान ने सदन में कोडीन कफ सिरप का मुद्दा उठाया। इसके बाद सपा विधायकों ने विधान भवन परिसर में चौधरी चरण सिंह की प्रतिमा के सामने विरोध प्रदर्शन किया और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। सदन के भीतर भी सपा सदस्य वेल में पहुंचकर विरोध जताते नजर आए।
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