
Lalganj Pratapgarh- स्थानीय सरस्वती विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी स्नातकोत्तर महाविद्यालय में हिन्दी दिवस की पूर्व संध्या पर कवि गोष्ठी एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों की मनमोहक प्रस्तुतियां दिखीं। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री प्रो. शिवाकान्त ओझा ने कहा कि देश की एकता व अखंडता के लिए हिन्दी राष्ट्रभाषा के रूप में समाहृत होनी चाहिए। प्राचार्य डाॅ. अमित कुमार सिंह ने राष्ट्रभाषा हिन्दी की दशा एवं दिशा पर विषय प्रवर्तन रखा। कार्यक्रम में साहित्यकार डाॅ. अनुज नागेन्द्र, हरिबहादुर सिंह हर्ष व डाॅ. बच्चा बाबू वर्मा ने हिन्दी की महिमा पर काव्य पाठ कर समारोह को गरिमा प्रदान किया।
वहीं प्रभात तिवारी एवं सौरभ तिवारी व लकी यादव ने सरस्वती वंदना एवं अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुतियों से अतिथियों को मंत्रमुग्ध कर दिया। कार्यक्रम का संचालन हिन्दी विभागध्यक्ष डाॅ. अम्बिकेश त्रिपाठी ने किया। स्वागत भाषण निदेशक डाॅ. संदीप कुमार मिश्र ने किया। इस मौके पर डाॅ. रविकान्त कौशल, दुर्गेश विश्वकर्मा, डाॅ. प्रकाश सिंह, डाॅ. नीता त्रिपाठी, डाॅ. आशुतोष शुक्ल, डाॅ. धर्मेंद्र बहादुर सिंह आदि रहे। इधर हिन्दी दिवस पर तहसील परिसर में हिन्दी मित्र संघ के बैनर तले हुए कार्यक्रम में हिन्दी को राष्ट्रभाषा के संवैधानिक दर्जे की मांग उठाई गई। कार्यक्रम की अध्यक्षता संयुक्त अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष अनिल त्रिपाठी महेश व संचालन मित्र संघ के संयोजक ज्ञानप्रकाश शुक्ल ने किया है। इस मौके पर विपिन शुक्ला, विकास मिश्रा, मित्र एशोसिएशन के अध्यक्ष सत्यम मिश्र, आचार्य राजेश मिश्र आदि रहे।
रिपोर्ट उमेश पाण्डेय जिला संवाद दाता
यूनाईटेड भारत प्रतापगढ़