
Bengaluru. कर्नाटक में अब सरकारी स्कूलों और कॉलेज परिसरों में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की गतिविधियों पर रोक लग सकती है। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की अध्यक्षता में हुई राज्य कैबिनेट बैठक में इस पर सहमति बन गई है। मंत्री प्रियांक खरगे ने बताया कि कैबिनेट ने सरकारी शैक्षणिक संस्थानों के परिसरों में आरएसएस की गतिविधियों को प्रतिबंधित करने के लिए नए नियम लाने का निर्णय लिया है।
यह फैसला उस वक्त आया है जब मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने हाल ही में कहा था कि सरकार इस बात पर विचार कर रही है कि कोई भी संगठन सार्वजनिक संस्थानों में लोगों को परेशान न करे। इस निर्णय के बाद सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों व कॉलेजों में आरएसएस की बैठकों और कार्यक्रमों पर रोक लगने की संभावना है।
आरएसएस पर लगाया संविधान विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप
गौरतलब है कि प्रियांक खरगे ने कुछ दिन पहले मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर आरएसएस पर युवाओं का ब्रेनवॉश करने और संविधान विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाया था। इस पत्र के बाद उन्हें धमकी भरे फोन कॉल भी मिलने लगे। पुलिस ने महाराष्ट्र के सोलापुर निवासी धनेश नरोने नामक व्यक्ति को इस मामले में गिरफ्तार किया है। आरोपी ने खरगे को फोन पर अभद्र भाषा में बात की थी, जिसका वीडियो मंत्री ने खुद रिकॉर्ड किया था।
बेंगलुरु पुलिस अब आरोपी के आपराधिक इतिहास और नेटवर्क की जांच कर रही है। सरकार का कहना है कि शिक्षा संस्थानों को किसी भी राजनीतिक या वैचारिक प्रभाव से मुक्त रखना ही इस कदम का उद्देश्य है।