
Kaliganj Bomb Blast: पश्चिम बंगाल के नादिया जिले के कालीगंज में 23 जून को हुए बम धमाके में मारी गई 10 वर्षीय तमन्ना खातून के परिजनों से राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) की सदस्य अर्चना मजूमदार ने सोमवार को मुलाकात की। इस घटना के बाद से परिवार ने राजनीतिक प्रतिशोध का आरोप लगाया है।
बम धमाका: जश्न के दौरान हुई घटना
कालीगंज विधानसभा उपचुनाव में तृणमूल कांग्रेस की जीत के जश्न के दौरान कथित तौर पर बम विस्फोट हुआ था। इस धमाके में तमन्ना खातून की मौत हो गई थी। घटना के बाद से इलाके में तनाव का माहौल बना हुआ है और स्थानीय प्रशासन पर कार्रवाई करने में नाकामी का आरोप लग रहा है।
तमन्ना की मां ने बयान दर्ज कराया
एनसीडब्ल्यू सदस्य अर्चना मजूमदार ने मृतक बच्ची की मां से बंद कमरे में बातचीत की और उनका बयान आधिकारिक रूप से दर्ज किया। मुलाकात के दौरान तमन्ना की मां फूट-फूटकर रो पड़ीं और उन्होंने बताया कि स्थानीय असामाजिक तत्वों ने बम फेंककर उनकी बेटी की जान ली। पीड़ित परिवार ने आरोप लगाया कि यह हमला राजनीतिक बदले की भावना से किया गया, क्योंकि वे माकपा समर्थक थे और सत्तारूढ़ पार्टी को समर्थन देने से मना कर दिया था।
एनसीडब्ल्यू की आगे की योजना
अर्चना मजूमदार ने मामले की जांच में प्रगति की जानकारी लेने के लिए कृष्णनगर पुलिस अधीक्षक से मुलाकात करने का निर्णय लिया है। इसके अलावा, वह शांतिपुर भी जाएंगी, जहां एक अन्य लड़की की कथित तौर पर सार्वजनिक अपमान के बाद आत्महत्या करने की घटना सामने आई है। इस मामले की भी एनसीडब्ल्यू जांच कर रही है।
एफआईआर में 24 आरोपी, 9 गिरफ्तार
कालीगंज ब्लास्ट मामले में एफआईआर में कुल 24 लोगों के नाम दर्ज किए गए हैं। हालांकि, अब तक केवल 9 आरोपियों को ही गिरफ्तार किया गया है। पीड़ित परिवार ने कलकत्ता हाई कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता विकास भट्टाचार्य से मुलाकात की और पुलिस जांच की धीमी रफ्तार पर चिंता जताते हुए कानूनी हस्तक्षेप की मांग की।
Kaliganj Bomb Blast: also read– Rajasthan (Kawai): कवाई थर्मल पॉवर प्लांट के विस्तरण की जनसुनवाई सफलतापूर्वक सम्पन्न
पुलिस कार्रवाई पर सवाल
मामले की जांच में गति की कमी और संदिग्धों के खिलाफ उचित कार्रवाई न होने के कारण परिवार ने चिंता व्यक्त की है। पुलिस की धीमी कार्रवाई को लेकर अब कानूनी हस्तक्षेप की आवश्यकता महसूस की जा रही है, ताकि आरोपियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जा सके और न्याय सुनिश्चित हो सके।