
Jammu News- अमावस्या माह में एक बार ही आती है,अमावस्या तिथि का स्वामी पितृदेव है,फाल्गुन अमावस्या 27 फरवरी गुरुवार को है। फाल्गुन अमावस्या के विषय में श्री कैलख ज्योतिष एवं वैदिक संस्थान ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत रोहित शास्त्री ज्योतिषाचार्य ने बताया धार्मिक दृष्टिकोण से इस दिन पितरों का पिंडदान और अन्य दान-पुण्य संबंधी कार्य किये जाते हैं,धर्मग्रंथों के अनुसार जो भी मनुष्य इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करेगा उसे हर तरह से सुख-समृद्धि की प्राप्ति होगी। उसे सभी प्रकार के रोग और दुखों से मुक्ति प्राप्त होगी। अगर किसी कारण वश पिवत्र नदियों पर स्नान नहीं कर पाए तो घर में ही पानी में गंगाजल डाल कर स्नान करें और किसी गरीब को यथा शक्ति दान अवश्य करें,अमावस्या के दिन नदी या तालाब में जाकर मछली को आटे की गोलियां खिलाना भी बड़ा ही फलदायी बताया जाता है।
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फाल्गुन अमावस्या तिथि का आरंभ 27 फरवरी, गुरुवार को सुबह 08 बजकर 55 मिनट पर होगा और इसका समापन 28 फरवरी, शुक्रवार को सुबह 06 बजकर 15 मिनट पर होगा। चूंकि अमावस्या तिथि 27 फरवरी को पूरे दिन उपलब्ध रहेगी और 28 फरवरी को सूर्योदय से पहले समाप्त हो जाएगी, इसलिए श्राद्ध कर्म दिन में ही करना उचित रहेगा। अतः इस वर्ष फाल्गुन अमावस्या का पर्व 27 फरवरी, गुरुवार को मनाया जाएगा। स्नान दान आदि सुबह 08 बजकर 55 के बाद।