
Jabalpur News- मध्य प्रदेश में लंबे समय से लंबित प्रमोशन में आरक्षण मामले की सुनवाई मंगलवार को उच्च न्यायालय में एक बार फिर हुई। इस दौरान राज्य सरकार ने अपना जवाब पेश किया। सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता सी.एस. वैधिनाथन ने पक्ष रखते हुए दलील दी कि राज्य सरकार द्वारा पूर्व में दी गई ओरल अंडरटेकिंग के कारण प्रमोशन रुके पड़े हैं, जिससे आरक्षित और अनारक्षित दोनों ही वर्गों को नुकसान हो रहा है। सरकार ने कोर्ट से अनुरोध किया कि जब तक याचिकाएं लंबित हैं, तब तक पदोन्नति की अनुमति दी जाए और मामले की सुनवाई आगे बढ़ाई जाए।
याचिकाकर्ताओं की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता अमोल श्रीवास्तव ने सरकार की दलीलों पर सवाल उठाते हुए कहा कि नियमों में सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित क्रीमी लेयर का प्रावधान शामिल नहीं किया गया है। साथ ही, 2002 के नियमों को हाईकोर्ट पहले ही असंवैधानिक करार देकर निरस्त कर चुका है और उन नियमों के तहत हुई पदोन्नतियां आज भी बरकरार हैं।
राज्य सरकार ने हाईकोर्ट से अंतरिम राहत देने की मांग की है। सरकार चाहती है कि नई प्रमोशन पॉलिसी को लागू करने की इजाजत दी जाए। हालांकि, अभी तक हाईकोर्ट में सरकार की अंडरटेकिंग के कारण इस पॉलिसी का क्रियान्वयन रुका हुआ है।
अगली सुनवाई 16 सितंबर को
हाईकोर्ट ने फिलहाल मामले की अगली सुनवाई एक सप्ताह बाद यानी 16 सितंबर तय की है।
Jabalpur News- Read Also-Unnao News-सिविल लाइन स्थित प्राचीन बालाजी मंदिर बना आस्था का केंद्र