Islamabad: पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में दूषित हवा से कोहराम मचा हुआ है। हाल यह है कि मुल्तान में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) सारी हदें पार कर 2000 से ऊपर चला गया। राजधानी लाहौर में यह 1600 है। प्रांत सरकार को आनन-फानन में हेल्थ इमरजेंसी लगाते हुए पूर्ण लॉकडाउन लगाना पड़ा।
डॉन समाचार पत्र और एआरवाई न्यूज चैनल के अनुसार, पंजाब सरकार ने लाहौर और मुल्तान में स्वास्थ्य आपातकाल घोषित कर शुक्रवार रात से रविवार तक पूर्ण लॉकडाउन लगा दिया। प्रांतीय मंत्री मरियम औरंगजेब ने संवाददाता सम्मेलन में इसकी घोषणा की। साथ ही लाहौर और मुल्तान में निर्माण गतिविधियों पर भी 10 दिनों के लिए प्रतिबंध लगा दिया गया है। प्रांत के सभी स्कूल (जिला मुरी को छोड़ कर) 24 नवंबर तक बंद रहेंगे। लाहौर और मुल्तान में कॉलेज और विश्वविद्यालय ऑनलाइन कक्षा आयोजित करेंगे।
उन्होंने कहा कि निजी और सरकारी कार्यालय 50 प्रतिशत कर्मचारियों के साथ वर्क फ्रॉम होम के मोड में संचालित होंगे। रेस्तरां शाम चार बजे तक संचालित होंगे। फिलहाल शादियों पर प्रतिबंध नहीं लगाया गया है। सरकार के प्रतिबंधों को शुक्रवार देर रात प्रांतीय पर्यावरण संरक्षण एजेंसी ने अधिसूचित किया। इसमें कहा गया है कि लाहौर और मुल्तान में भारी परिवहन वाहनों के प्रवेश पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा।
मरियम औरंगजेब ने कहा कि सांस संबंधी बीमारियों के मरीजों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। इस वजह से अस्पताल कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं। उन्होंने नागरिकों को मास्क पहनने और मोटरसाइकिल पर अनावश्यक यात्रा से बचने की सलाह दी है। उन्होंने स्मॉग को स्वास्थ्य संकट बताते हुए कहा कि प्रदूषण अब पंजाब के अन्य जिलों को भी प्रभावित कर रहा है।
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उन्होंने कहा कि लाहौर में 12 एक्यूआई कैलकुलेटर लगाए गए हैं और इस साल पूरे पंजाब में 50 और लगाए जाएंगे। मंत्री औरंगजेब ने कहा कि स्मॉग छह महीने या एक साल में गायब नहीं होगा। सरकार इससे निपटने के लिए अल्पकालिक और दीर्घकालिक उपाय कर रही है। लगभग 800 ईंट भट्टियां ध्वस्त कर दी गई हैं। शुक्रवार को सरकार ने स्थानीय तकनीक से कृत्रिम बारिश का सफल परीक्षण किया है। मौसम विज्ञान विभाग ने कहा कि झेलम, चकवाल, तालागांग और गुजर खान में किए गए क्लाउड सीडिंग प्रयोग के परिणामस्वरूप झेलम और गुजर खान में बारिश हुई। अब लाहौर में बारिश होने की भी प्रबल संभावना है।