
IPL 2025: कोलकाता नाइट राइडर्स (केकेआर) के ऑलराउंडर मोईन अली ने राजस्थान रॉयल्स (आरआर) के खिलाफ अपने शानदार प्रदर्शन से टीम को पहली जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई। उन्होंने 2 विकेट लेकर 23 रन दिए, खासकर नितीश राणा को क्लासिक ऑफ-स्पिन गेंद से बोल्ड कर सभी का ध्यान आकर्षित किया।
पोस्ट-मैच प्रेस कॉन्फ्रेंस में मोईन अली ने अपनी गेंदबाजी की रणनीति साझा करते हुए कहा, “मैं हमेशा बल्लेबाज की तरह सोचता हूं, यही मेरी सबसे बड़ी ताकत है। इससे मुझे यह समझने में मदद मिलती है कि सामने वाला बल्लेबाज क्या करने की योजना बना रहा है।”
केकेआर को अपने प्रमुख स्पिनर सुनील नारायण की गैरमौजूदगी में एक प्रभावी गेंदबाज की जरूरत थी। कप्तान अजिंक्य रहाणे ने मोईन अली पर भरोसा जताया और उन्होंने अपने फ्रेंचाइजी डेब्यू में शानदार प्रदर्शन किया। वरुण चक्रवर्ती (2/17) के साथ मिलकर उन्होंने राजस्थान को 151/9 के स्कोर तक सीमित करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
मोईन अली ने कहा, “मैं वरुण से पहले गेंदबाजी करने आया, इसलिए मेरा उद्देश्य था कि मैं सटीक लाइन और लेंथ पर गेंदबाजी करूं, जिससे दबाव बना रहे और दूसरे गेंदबाज विकेट ले सकें। मैं हमेशा ऐसे स्पिनर के साथ गेंदबाजी करता हूं, जो मुझसे अधिक विविधताओं से लैस होता है। मेरी भूमिका रन रोकने और साथी गेंदबाज के लिए मौके बनाने की होती है।”
उन्होंने यशस्वी जायसवाल का विकेट लिया, लेकिन नितीश राणा को ऑफ-स्पिन गेंद से बोल्ड करना चर्चा का मुख्य केंद्र रहा। उन्होंने इस पर कहा, “यह एक शानदार गेंद थी। मैंने सही क्षेत्र में गेंद डालने और अधिकतम स्पिन कराने की कोशिश की। चूंकि मैं बल्लेबाज की तरह सोचता हूं, इसलिए यह समझना मेरे लिए आसान होता है कि सामने वाला क्या सोच सकता है।”
पिछले सीजन में चेन्नई सुपर किंग्स के लिए महज 48 गेंदें डालने वाले मोईन अली ने बताया कि उन्हें मैच के दिन सुबह ही प्लेइंग इलेवन में शामिल किए जाने की सूचना मिली। उन्होंने कहा, “मुझे सुबह पता चला कि सुनील नारायण बीमार हैं और मुझे उनकी जगह खेलना होगा। उनकी अनुपस्थिति में खेलना चुनौतीपूर्ण था, लेकिन मैंने अपनी पूरी कोशिश की।”
स्पिन-अनुकूल पिच पर प्रदर्शन को लेकर उन्होंने कहा, “आज की पिच स्पिनरों के अनुकूल थी। ऐसे विकेटों पर बड़े स्कोर बनाना मुश्किल होता है, लेकिन यह खेल का हिस्सा है और इससे विविधता आती है।”
मोईन अली ने स्वीकार किया कि केकेआर की पहली पसंद नहीं होने के बावजूद उन्होंने इसे सकारात्मक रूप में लिया। उन्होंने कहा, “मैं अभी भी सीख रहा हूं और 37 साल की उम्र में भी खुद को बेहतर बनाने की कोशिश कर रहा हूं। केकेआर एक संतुलित टीम है, जिसमें विदेशी खिलाड़ियों की मजबूत लाइन-अप है। नारायण और आंद्रे रसेल जैसे खिलाड़ी नियमित रूप से खेलते हैं, वहीं क्विंटन डी कॉक भी टीम के अहम सदस्य हैं। ऐसी स्थिति में जगह बनाना आसान नहीं होता, लेकिन यही एक मजबूत टीम की पहचान होती है।”
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मोईन अली के इस प्रभावशाली प्रदर्शन से केकेआर को टूर्नामेंट में पहली जीत मिली, और उन्होंने यह साबित कर दिया कि वह अब भी एक विश्व स्तरीय स्पिन ऑलराउंडर हैं।