
India Pakistan relations : भारत ने अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न को लेकर पाकिस्तान की टिप्पणी को सख्त शब्दों में खारिज करते हुए कहा है कि इस मुद्दे पर इस्लामाबाद का रिकॉर्ड “बेहद खराब” रहा है। विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि पाकिस्तान को भारत पर टिप्पणी करने से पहले अपने यहां अल्पसंख्यक समुदायों की स्थिति पर आत्ममंथन करना चाहिए।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय की ओर से भारत में ईसाई और मुस्लिम अल्पसंख्यकों से जुड़ी घटनाओं पर जताई गई चिंता पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि पाकिस्तान द्वारा विभिन्न धर्मों के अल्पसंख्यकों का “भयानक और व्यवस्थित उत्पीड़न” एक स्थापित तथ्य है। उन्होंने कहा कि निराधार आरोपों से सच्चाई को छिपाया नहीं जा सकता।
पाकिस्तान प्रवक्ता ने दिया था बयान
इससे पहले सोमवार को पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ताहिर अंद्राबी ने भारत में अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न को लेकर बयान दिया था। उन्होंने क्रिसमस के दौरान तोड़फोड़ की कथित घटनाओं और मुसलमानों को निशाना बनाने वाले राज्य-प्रायोजित अभियानों का जिक्र करते हुए अंतरराष्ट्रीय समुदाय से इस पर ध्यान देने की अपील की थी।
पाक-भारत के बीच तनावपूर्ण संबंध
भारत-पाकिस्तान के बीच यह बयानबाजी ऐसे समय पर सामने आई है जब दोनों देशों के संबंध पहले से ही तनावपूर्ण हैं। अप्रैल में पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर कार्रवाई की थी, जिसके बाद दोनों देशों के बीच चार दिनों तक सैन्य तनाव बना रहा। इसके बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कई कूटनीतिक और आर्थिक कदम भी उठाए, जिनमें सिंधु जल संधि को निलंबित करना और अटारी-वाघा सीमा को बंद करना शामिल है।
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भारत ने दोहराया कि वह अपने नागरिकों के अधिकारों और संवैधानिक मूल्यों के प्रति प्रतिबद्ध है, जबकि पाकिस्तान को अपने यहां अल्पसंख्यकों की सुरक्षा और अधिकारों पर ध्यान देना चाहिए।



