
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि आज भारत तेजी से उभरती वैश्विक अर्थव्यवस्था का सबसे मजबूत स्तंभ बन चुका है। एक समाचार पत्र के कार्यक्रम में संबोधित करते हुए उन्होंने हाल ही में जारी दूसरी तिमाही के जीडीपी आंकड़ों का उल्लेख किया और कहा कि 8 फीसदी की ग्रोथ देश की नई ऊर्जा और बदलते आर्थिक परिदृश्य का स्पष्ट संकेत है। पीएम ने कहा कि ये आंकड़े सिर्फ कागज पर दर्ज संख्या नहीं, बल्कि भारत की वैश्विक नेतृत्व क्षमता और मजबूत मैक्रोइकॉनॉमिक स्थिति का प्रमाण हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि दुनिया आज भारत को ग्लोबल ग्रोथ इंजन के रूप में देख रही है। उन्होंने देशवासियों से अपील की कि आने वाले 10 वर्षों में गुलामी की मानसिकता को पूरी तरह समाप्त करने का संकल्प लें। पीएम मोदी ने कहा कि वर्ष 2035 में मैकॉले की वह नीति 200 वर्ष पूरी कर लेगी, जिसने देश में मानसिक गुलामी की शुरुआत की थी। उन्होंने कहा कि हमारे पास सिर्फ 10 साल हैं। हमें इस मानसिकता को जड़ से उखाड़ना होगा।
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में पुरानी आर्थिक सोच पर कटाक्ष करते हुए कहा कि जब भारत 2–3 प्रतिशत विकास दर के लिए संघर्ष करता था, तब इसे ‘हिंदू रेट ऑफ ग्रोथ’ कहा जाता था। उन्होंने कहा कि आज वही लोग हर चीज़ में साम्प्रदायिकता ढूँढते हैं, लेकिन इस शब्द पर किसी को कोई आपत्ति नहीं हुई।
उन्होंने वैश्विक परिदृश्य का उल्लेख करते हुए बताया कि जब दुनिया की औसत ग्रोथ करीब 3 फीसदी है और G-7 देशों की ग्रोथ 1.5 फीसदी के आसपास, ऐसे माहौल में भारत लगातार बेहतर प्रदर्शन कर रहा है। मोदी ने कहा कि जो देश कभी महंगाई से परेशान रहता था, आज वही दुनिया के लिए लो-इंफ्लेशन इकॉनमी का उदाहरण बन गया है। यह बदलाव भारत की क्षमता और चुनौतियों को हल करने की शक्ति का प्रतीक है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि लंबे समय तक देश की बड़ी क्षमता का उपयोग नहीं किया गया, लेकिन अब अनछुई क्षमता देश के विकास में योगदान दे रही है। उन्होंने कहा कि पूर्वी भारत में बड़े पैमाने पर इंफ्रास्ट्रक्चर, उद्योग और कनेक्टिविटी में निवेश हो रहा है, जबकि छोटे शहर स्टार्टअप और MSME के नए हब बन रहे हैं।
मुद्रा योजना ने तोड़ी अविश्वास की दीवार
सुधारों पर बोलते हुए पीएम मोदी ने बताया कि उनकी सरकार ने जन विश्वास अधिनियम लाकर सैकड़ों पुराने प्रावधानों को डिक्रिमिनलाइज किया है। पहले छोटे बैंक लोन के लिए भी गारंटी की मांग होती थी, लेकिन मुद्रा योजना ने इस अविश्वास की दीवार तोड़ी है। उन्होंने बताया कि अब तक 37 लाख करोड़ रुपये के बिना गारंटी लोन देशवासियों को दिए जा चुके हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि पहले देश में सुधार संकट या राजनीतिक मजबूरी में होते थे, लेकिन अब सुधार राष्ट्रीय लक्ष्यों को ध्यान में रखकर किए जाते हैं। उन्होंने कहा कि 2025 सुधारों का महत्वपूर्ण वर्ष रहा है और नेक्स्ट-जनरेशन जीएसटी इसका बड़ा उदाहरण है।
अंतरिक्ष क्षेत्र का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि पहले स्पेस सेक्टर पूरी तरह सरकारी नियंत्रण में था, लेकिन आज निजी कंपनियां रॉकेट निर्माण में आगे आ रही हैं। उन्होंने बताया कि हाल ही में हैदराबाद में स्काईरूट का ‘इन्फिनिटी कैंपस’ शुरू किया गया है, जो हर महीने एक रॉकेट बनाने की क्षमता विकसित कर रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार ने मंच दिया और युवाओं ने नया भारत बनाना शुरू कर दिया – यही असली परिवर्तन है।
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