भारत ने रचा इतिहास, सीएमएस-03 सैटेलाइट लॉन्च

करीब 4,410 किलोग्राम वजनी यह सैटेलाइट भारतीय नौसेना को समुद्री इलाकों में संचार और निगरानी की अत्याधुनिक क्षमता प्रदान करेगा।

New Delhi. भारत के अंतरिक्ष इतिहास में आज एक और स्वर्णिम अध्याय जुड़ गया। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने अपने सबसे ताकतवर रॉकेट एलएमवी 3-एम 5 के माध्यम से सीएमएस -03 (जीसैट-7आर) सैटेलाइट को सफलतापूर्वक अंतरिक्ष में स्थापित किया। खराब मौसम, तेज हवाओं और घने बादलों के बावजूद श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर से रॉकेट ने तय समय पर उड़ान भरी और मात्र 50 मिनट में सैटेलाइट को जियोसिंक्रोनस ट्रांसफर ऑर्बिट में पहुंचा दिया।

करीब 4,410 किलोग्राम वजनी यह सैटेलाइट भारतीय नौसेना को समुद्री इलाकों में संचार और निगरानी की अत्याधुनिक क्षमता प्रदान करेगा। इससे हिंद महासागर के 70 फीसदी हिस्से और भारत की भूमि पर सुरक्षित, तेज़ और बिना बाधा वाला संचार संभव होगा।

वैज्ञानिकों की मेहनत ने संभव बनाया

इसरो प्रमुख डॉ. वी. नारायणन ने कहा कि मौसम चुनौतीपूर्ण था, पर वैज्ञानिकों की मेहनत और एलएमवी 3 की विश्वसनीयता ने इसे संभव बनाया।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस सफलता पर बधाई देते हुए कहा कि यह उपलब्धि भारत की स्पेस टेक्नोलॉजी में आत्मनिर्भरता का प्रतीक है। यह एलएमवी 3 का लगातार पांचवां सफल मिशन है, जिसने भारत को वैश्विक अंतरिक्ष शक्ति के रूप में और सशक्त बना दिया है।

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