Himanchal Pradesh: हिमाचल सरकार ने हटाये गए सीपीएस से खाली करवाए दफ्तर और आवास, वापिस ली गाड़ियां

Himanchal Pradesh: मुख्य संसदीय सचिव (सीपीएस) मामले में हिमाचल हाईकोर्ट के आदेश के बाद राज्य सरकार ने हटाये गए सभी छह मुख्य संसदीय सचिवों के सचिवालयों में स्थित दफ्तरों को खाली करवा दिया है। इनके दफ्तरों में तैनात अधिकारियों और कर्मचारियों का स्टाफ भी वापिस बुला लिया है। सरकार ने मुख्य संसदीय सचिवों की तैनाती के दौरान मिली सरकारी कोठियां भी तत्काल खाली करने को कहा है। इनसे मंहगे सरकारी वाहन भी वापिस ले लिए गए हैं। बुधवार देर शाम शासन की तरफ से इस सम्बंध में अलग-अलग आदेश जारी हुए हैं।

मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना की तरफ से जारी आदेश में सचिवालय सेवा के तीन अधिकारियों को सीपीएस दफ्तरों से तत्काल वापिस बुला लिया गया है। इनमें विशेष निजी सचिव सतिंदर कुमार, वरिष्ठ निजी सचिव तहमीना बेगम और भूरी सिंह राणा शामिल हैं। इन अधिकारियों को तुरंत कार्मिक विभाग में जॉइनिंग देने को कहा गया है। एक अन्य आदेश में कार्मिक विभाग ने सीपीएस के दफ्तरों में सेवाएं दे रहे 14 कर्मचारियों को वहां से वापिस बुला लिया है।

हाईकोर्ट के फैसले के बाद मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने एक अन्य कार्यालय आदेश निकाला है जिसमें कहा गया है कि पूर्व मुख्य संसदीय सचिवों और उनके स्टाफ के पक्ष में आज तक जारी किए गए कार्यालय आबंटन के सभी आदेश तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिए गए हैं।

इस बीच विपक्षी दल भाजपा ने हटाये गए मुख्य संसदीय सचिवों की विधानसभा सदस्यता रद्द करने की मांग उठाई है। इस सिलसिले में भाजपा का एक प्रतिनिधिमंडल गुरुवार को राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल से मुलाकात कर उन्हें ज्ञापन सौंपेगा। प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष और सांसद डॉक्टर राजीव भारद्वाज के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल से भेंट करेगा। जानकारी अनुसार भाजपा की ओर से पूर्व छह सीपीएस की विस सदस्यता बर्खास्त करने की मांग की जाएगी। भाजपा का कहना है कि इन पूर्व मुख्य संसदीय सचिवों ने लाभ के पदों पर काम किया है। ऐसे में इनकी सदस्यता रद्द होनी चाहिए।

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गौरतलब है कि प्रदेश हाईकोर्ट ने छह मुख्य संसदीय सचिवों की नियुक्ति को असंवैधानिक ठहराते हुए इन्हें हटाने के शासन को आदेश दिए हैं। इनमें अर्की विधानसभा क्षेत्र से विधायक संजय अवस्थी, कुल्लू से सुंदर सिंह, दून से राम कुमार, रोहड़ू से मोहन लाल ब्राक्टा, पालमपुर से आशीष बुटेल और बैजनाथ से किशोरी लाल शामिल हैं। सुक्खू सरकार ने जनवरी 2023 को इन्हें मुख्य संसदीय सचिवालय तैनात किया था। अब ये सभी विधायक के तौर पर ही काम करेंगे।

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