
नई दिल्ली। हरियाणा के पलवल में पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप में तौफीक और वसीम अकरम की गिरफ्तारी ने
हलचल मचा दी है। दोनों पर आरोप है कि वे पाकिस्तान उच्चायोग के अधिकारियों के संपर्क में थे और भारतीय खुफिया जानकारी
पाकिस्तान भेजने का काम कर रहे थे। हालांकि, इनके परिवारों का कहना है कि यह आरोप निराधार हैं और पुलिस ने उन्हें झूठे
मामलों में फंसाया है।
25 सितंबर 2025 को तौफीक को गिरफ्तार किया गया था, जबकि 27 सितंबर को वसीम की गिरफ्तारी हुई। तौफीक, जो पलवल के
आली मेव गांव का निवासी है, पुलिस के अनुसार पाकिस्तान के उच्चायोग में काम करने वाले अधिकारियों के संपर्क में था। इसके
अलावा, तौफीक के फोन से ऐसी चैट्स और कॉल डिटेल्स मिली हैं, जो उसके पाकिस्तान से संपर्क के सबूत देती हैं।
परिवार ने कहा, आरोप निराधार, झूठे मामलों में फंसा रही पुलिस
तौफीक के परिवार का कहना है कि वह 2022 में अपनी पत्नी और सास के साथ पाकिस्तान गया था, क्योंकि उसकी सास की
तबीयत खराब थी और वहां उनके रिश्तेदार रहते हैं। तौफीक के पिता निसार का कहना है, वह कोई जासूस नहीं है, एक आम आदमी
है। अगर उसके फोन में कुछ संदिग्ध पाया जाता है, तो पुलिस उसे सही तरीके से साबित करे। परिवार का दावा है कि तौफीक का
पाकिस्तान से कोई अवैध संबंध नहीं था और वह सिर्फ वीजा के काम से पाकिस्तान दूतावास जाता था।
वहीं, वसीम अकरम, जो पलवल के कोट गांव का निवासी है, भी पाकिस्तान में अपने रिश्तेदारों से मिलने गया था। वसीम की पत्नी
साकिरा ने कहा कि वसीम को पुलिस ने झूठे आरोपों में फंसाया है। वह सिर्फ अपने रिश्तेदारों से मिलने पाकिस्तान गया था, इसमें गलत क्या है? वसीम के परिवार का कहना है कि उन्हें भी जासूसी के आरोप से कोई सरोकार नहीं था।
पुलिस के अनुसार, इन दोनों आरोपियों का पाकिस्तान के आईएसआई एजेंट्स से संपर्क था। जांच में यह भी सामने आया है कि दोनों
ने भारतीय सिम कार्ड का उपयोग कर पाकिस्तान से संपर्क किया था। पुलिस का आरोप है कि दोनों ने भारतीय सेना और अन्य
खुफिया एजेंसियों से संबंधित जानकारियों को लीक किया। इस मामले में अब तक किसी आरोपी को जमानत नहीं मिली है और जांच
जारी है।
पाकिस्तान उच्चायोग के अधिकारियों के संपर्क में रहने का आरोप
पलवल पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हमारी जांच में यह तथ्य सामने आए हैं कि तौफीक और वसीम ने पाकिस्तान
के अधिकारियों से संपर्क किया और भारतीय सुरक्षा एजेंसियों से संबंधित जानकारी इकट्ठा की। उनके फोन से संदिग्ध चैट्स और कॉल
डिटेल्स मिली हैं।
बता दें कि इस साल मई में भारत सरकार ने पाकिस्तान उच्चायोग के दो अधिकारियों को देश छोड़ने का आदेश दिया था। ये
अधिकारी पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई से जुड़े हुए थे, और माना जा रहा था कि वे भारत के खिलाफ जासूसी
गतिविधियों में शामिल थे।
पूरे हरियाणा में हलचल
इन गिरफ्तारियों ने पूरे हरियाणा में हलचल मचा दी है, और लोग सवाल उठा रहे हैं कि क्या वीजा के लिए दूतावास जाना जासूसी के
आरोपों की वजह हो सकता है? क्या वास्तव में तौफीक और वसीम जैसे आम लोग देशद्रोह में शामिल हो सकते हैं, या यह एक बड़ा
राजनीतिक खेल है? पुलिस ने अब तक कोई ठोस सबूत नहीं दिए हैं, जिससे आरोपी अपनी निर्दोषिता को साबित कर सकें।
आगे आने वाले दिनों में इस मामले की जांच में और खुलासे हो सकते हैं, और यह देखना होगा कि न्यायालय इन आरोपों के बारे में
क्या निर्णय लेता है।



