Haridwar: स्थानीय जनता को इलाज के लिए अब दूसरे शहरों का नहीं करना होगा रुख

Haridwar: हरिद्वार जनपद में स्वास्थ्य सेवाओं के सुधार की दिशा में राज्य सरकार निरंतर प्रयासरत है। मेडिकल कॉलेज के लिए 100 मेडिकल सीट आवंटित की गई हैं। मुख्यमंत्री धामी ने इसके लिए प्रधानमंत्री मोदी और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा का आभार व्यक्त किया है।

उत्तराखंड में स्वास्थ्य सुविधाओं को विकसित करने के किये राज्य सरकार संकल्पित है। देहरादून, श्रीनगर, हल्द्वानी में राजकीय मेडिकल कॉलेज की स्थापना के बाद अब हरिद्वार में भी मेडिकल कॉलेज का संचालन होने जा रहा है। दरअसल, मैदानी जनपद होने के बावजूद हरिद्वार में की कमी थी। ऐसे में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत के विशेष प्रयासों से हरिद्वार में मेडिकल कॉलेज निर्माण कार्य प्रारंभ हुआ।

स्वास्थय सचिव डॉ आर. राजेश कुमार के विशेष प्रयासों से अल्प समय में इसका भवन बनकर तैयार हो गया। विगत माह एनएमसी की टीम ने हरिद्वार मेडिकल कॉलेज का निरीक्षण किया जिसमें कुछ कमियां इंगित की गई, जिन्हें बाद में दूर कर लिया गया। अब बताया जा रहा है हरिद्वार मेडिकल कॉलेज के लिए शुरुआती चरण में 100 एमबीबीएस सीटों को मंजूरी मिली है।

हरिद्वार की लाखों की आबादी को मिलेगा लाभ:

इस कॉलेज के निर्माण से हरिद्वार जनपद की लाखों की आबादी को लाभ होगा। दरअसल, इस जनपद की आबादी को स्वास्थ्य सेवाओं के लिए ऋषिकेश एम्स व देहरादून के विभिन्न अस्पतालों पर निर्भर रहना पड़ता था लेकिन मेडिकल कॉलेज बनने से यहां के लोगों को आने वाले दिनों में काफी राहत मिलेगी।

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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए हमारी सरकार सतत रूप से कार्य कर रही है। हम पर्वतीय जनपदों के साथ ही मैदानी जनपदों में चिकित्सा सेवाओं को सुलभ बनाना चाहते हैं। हरिद्वार मेडिकल कॉलेज के निर्माण को तेजी से पूरा किया गया है। निश्चित ही भविष्य में लोगों को इस अस्पताल के खुलने से बड़ा लाभ होगा। उन्हें वहीं रहकर चिकित्सा सेवाएं मिल सकेंगी।

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