
Haldwani: डॉ. सुशीला तिवारी अस्पताल (एसटीएच) में वर्षों पुराना और जर्जर हो चुका सेंट्रल एसी प्लांट बार-बार खराब हो रहा है, जिससे आईसीयू और वेंटिलेटर पर भर्ती मरीजों को गंभीर परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। अस्पताल प्रबंधन पुराने प्लांट को किसी तरह से चालू रखने की कोशिश कर रहा है, लेकिन तकनीकी खराबियां लगातार बढ़ रही हैं।
अस्पताल में नया सेंट्रल एसी प्लांट लगाने का काम समय पर पूरा नहीं हो पाया है। निर्धारित करार के अनुसार 15 जून तक नया प्लांट आंशिक रूप से चालू होना था, लेकिन तय समयसीमा बीतने के बावजूद कोई भी यूनिट कार्यरत नहीं हो सकी। इस लापरवाही को लेकर अस्पताल प्रशासन ने कार्यदायी संस्था मंडी परिषद और ठेका लेने वाली कंपनी को नोटिस जारी किया है।
प्रबंधन के अनुसार राज्य सरकार ने लगभग 4.5 करोड़ रुपये की लागत से नया एसी प्लांट लगाने का जिम्मा मंडी परिषद को सौंपा था, जिसने यह कार्य एक निजी कंपनी को आगे दे दिया। कंपनी को कुल राशि का 40 प्रतिशत भुगतान भी किया जा चुका है। करार के अनुसार कंपनी को 15 जून तक एक यूनिट और जून के अंत तक पूरा प्लांट चालू करना था।
एसटीएच की तकनीकी टीम का कहना है कि कंपनी ने पुराने प्लांट के कुछ हिस्सों को हटाने का काम तो शुरू कर दिया है, लेकिन नए प्लांट की स्थापना का कार्य अब तक शुरू नहीं हो सका है। उधर, कंपनी का कहना है कि जब तक शेष भुगतान नहीं किया जाता, तब तक वह कार्य शुरू नहीं करेगी। इस स्थिति ने अस्पताल प्रशासन को असमंजस में डाल दिया है।
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इस देरी के चलते अस्पताल के आईसीयू और वेंटिलेटर वार्डों में गर्मी व संक्रमण का खतरा बढ़ गया है, जिससे मरीजों की हालत और अधिक संवेदनशील हो गई है। इस संबंध में राजकीय मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. अरुण जोशी ने कहा कि, “कार्य में देरी करार का उल्लंघन है, इसलिए संबंधित संस्था और कंपनी को नोटिस जारी किया गया है। मरीजों की सुविधा सर्वोपरि है और इस मामले में कठोर कार्रवाई की जाएगी।”