
Goa Fire Case. दिल्ली के रहने वाले और गोवा के आग हादसे में आरोपी बताए जा रहे नाइटक्लब को-ओनर गौरव लूथरा और सौरभ लूथरा को थाईलैंड से भारत लाने की प्रक्रिया तेज़ हो गई है। दोनों भाइयों को फुकेट में स्थानीय प्रशासन ने हिरासत में लिया था, जिसके बाद उन्हें बैंकॉक ले जाया गया। भारतीय दूतावास लगातार थाई अधिकारियों के संपर्क में है और दोनों को डिपोर्ट कराने की प्रक्रिया आगे बढ़ाई जा रही है।
गोवा पुलिस ने बताया है कि केंद्रीय एजेंसियों के साथ समन्वय जारी है और उम्मीद है कि अगले सप्ताह की शुरुआत तक लूथरा भाइयों को भारत वापस लाया जा सकता है। दोनों 6-7 दिसंबर की रात आरपोरा स्थित ‘बर्च बाय रोमियो लेन’ नाइटक्लब में आग लगने के बाद देश से भाग गए थे। इस घटना में कम से कम 25 लोगों की मौत हो गई थी।
फुकेट में हिरासत — अब डिपोर्टेशन प्रक्रिया जारी
सूत्रों के मुताबिक, भाइयों ने दिल्ली से फुकेट की फ्लाइट ली थी और गिरफ्तारी के डर से देश छोड़ दिया था। फुकेट में पकड़े जाने के बाद उन्हें बैंकॉक भेजा गया, जहां से डिपोर्टेशन की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने कहा है कि गोवा पुलिस और सीबीआई की टीम उन्हें “जितनी जल्दी हो सके” भारत वापस लाएगी।
आग कैसे लगी? नई जांच दिशा
शुरुआत में घटना का कारण गैस सिलेंडर विस्फोट माना गया था, लेकिन अब जांच में सामने आ रहा है कि बेली डांसिंग कार्यक्रम के दौरान इलेक्ट्रिक पायरो गन की चिंगारियों ने आग भड़काई। क्लब में ज्वलनशील सजावट, कम एग्जिट गेट और शराब के ड्रम जैसे सुरक्षा उल्लंघनों ने हालात को और गंभीर बनाया।
गौरव (44) और सौरभ (40) पर गैर-इरादतन हत्या, हत्या के प्रयास और लापरवाही से मौत का कारण बनने जैसे गंभीर आरोप दर्ज हैं।
ज़मानत प्रयास अदालत ने खारिज किए
लूथरा भाइयों ने दिल्ली की रोहिणी कोर्ट से चार सप्ताह की ट्रांज़िट अग्रिम ज़मानत की मांग की थी। उन्होंने दावा किया था कि भारत लौटने पर उन्हें “अपरिवर्तनीय नुकसान” हो सकता है और गोवा में भीड़ द्वारा हमला किए जाने की आशंका जताई थी। कोर्ट ने इन तर्कों को खारिज करते हुए आरोपों को “अत्यंत गंभीर” बताया और यह भी कहा कि दोनों भाइयों ने आग के तुरंत बाद फुकेट जाने की बात छिपाई थी।
क्यों हो रहा है डिपोर्टेशन?
विदेश मंत्रालय ने दोनों के पासपोर्ट निलंबित कर दिए, जिससे वे थाईलैंड में अवैध रूप से ठहरने की श्रेणी में आ गए। थाई कानूनों के तहत बिना वैध दस्तावेज़ विदेशी नागरिक को हटाया जा सकता है। यह प्रक्रिया प्रत्यर्पण की तुलना में बहुत तेज़ होती है, इसी वजह से भारत सरकार डिपोर्टेशन का रास्ता अपना रही है।
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लूथरा भाइयों की भारत वापसी भारत सरकार, सीबीआई, थाई अधिकारियों और बैंकॉक में भारतीय दूतावास के संयुक्त समन्वय से जल्द संभव हो सकती है।



