CBCS Racket : ED रेड में पूर्व UP कांस्टेबल की लग्जरी लाइफ का खुलासा, गुच्ची–प्राडा बैग और राडो घड़ियां जब्त

CBCS Racket : UP के बर्खास्त कांस्टेबल आलोक प्रताप सिंह के लखनऊ स्थित घर पर ED की रेड में लग्जरी बैग, राडो घड़ियां और करोड़ों की संपत्ति का खुलासा। 1000 करोड़ के CBCS कफ सिरप रैकेट की जांच तेज।

CBCS Racket : उत्तर प्रदेश के बर्खास्त पुलिस कांस्टेबल आलोक प्रताप सिंह के खिलाफ करोड़ों रुपये के कोडीन बेस्ड कफ सिरप (CBCS) तस्करी और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) की कार्रवाई से चौंकाने वाले खुलासे सामने आए हैं। लखनऊ स्थित उनके आलीशान घर पर छापेमारी के दौरान लग्जरी लाइफस्टाइल से जुड़ी कई महंगी चीजें जब्त की गई हैं।

करीब 7,000 वर्ग फुट में बने इस भव्य मकान में यूरोपीय शैली का इंटीरियर, घुमावदार सीढ़ियां और विंटेज डिजाइन की लाइटिंग देख अधिकारी भी हैरान रह गए। न्यूज़ एजेंसी के मुताबिक, छापेमारी के दौरान प्राडा और गुच्ची जैसे इंटरनेशनल ब्रांड्स के हैंडबैग, लाखों रुपये कीमत की राडो घड़ियां और कई महंगे इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स बरामद किए गए हैं।

घर पर ही 7 करोड़ रुपये से ज्यादा का निवेश!

जांच से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि शुरुआती आकलन में सिर्फ घर के इंटीरियर पर 1.5 से 2 करोड़ रुपये, जबकि जमीन को छोड़कर मकान के निर्माण पर करीब 5 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। पूरे निवेश और इसमें कथित तौर पर इस्तेमाल किए गए अवैध धन की जांच के लिए सरकार द्वारा एक वैल्यूअर नियुक्त किया गया है।

STF ने 2 दिसंबर को किया था गिरफ्तार

उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने आलोक प्रताप सिंह को 2 दिसंबर को गिरफ्तार किया था। वह पहले भी विवादों में रहा है और 2019 में दूसरी बार पुलिस सेवा से बर्खास्त किया गया था।

आलोक प्रताप का नाम दूसरे आरोपी अमित कुमार सिंह उर्फ अमित ‘टाटा’ से पूछताछ के दौरान सामने आया था, जो फिलहाल लखनऊ जेल में बंद है।

क्या है 1000 करोड़ का CBCS रैकेट?

CBCS यानी कोडीन-बेस्ड कफ सिरप रैकेट पर करीब ₹1000 करोड़ की मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है। पुलिस के अनुसार, आलोक प्रताप सिंह इस नेटवर्क का अहम हिस्सा था और उत्तर प्रदेश व झारखंड में थोक कफ सिरप यूनिट्स संचालित करता था।

यहीं से सिरप की सप्लाई अन्य राज्यों के अलावा नेपाल और बांग्लादेश जैसे पड़ोसी देशों तक की जाती थी। आरोप है कि उसने पुलिस और राजनीतिक संपर्कों का इस्तेमाल कर चंदौली, गाजीपुर, जौनपुर और वाराणसी के युवाओं को भी नेटवर्क में शामिल किया।

दुबई फरार मुख्य आरोपी, 32 लोग हिरासत में

मुख्य आरोपी शुभम जायसवाल के दुबई फरार होने की खबर है, जबकि उसके पिता भोला जायसवाल को हिरासत में लिया गया है। यूपी पुलिस प्रमुख राजीव कृष्णा के मुताबिक, जांच में अब तक बड़े “सुपर-स्टॉकिस्ट नेटवर्क” का खुलासा हो चुका है।

अब तक पुलिस करीब 3.5 लाख बोतल कफ सिरप (कीमत लगभग ₹4.5 करोड़) जब्त कर चुकी है और 32 लोगों को हिरासत में लिया गया है। ED इस मामले में मनी ट्रेल और फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन की समानांतर जांच कर रही है।

कौन है आलोक प्रताप सिंह?

चंदौली निवासी आलोक प्रताप सिंह ने करीब 20 साल पहले पुलिस सेवा जॉइन की थी। 2006 में सोने की लूट के एक मामले में गिरफ्तारी के बाद नौकरी से निकाला गया। कोर्ट से बरी होने पर दोबारा बहाली हुई। इसके बाद 2019 में भ्रष्टाचार और अनुशासनहीनता के आरोपों में फिर बर्खास्त कर दिया गया।

इसके बाद उसने कथित तौर पर बिजनेस शुरू किया और ऐसे संपर्क बनाए, जिन्होंने उसे कफ सिरप तस्करी नेटवर्क तक पहुंच दिलाई।

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