
Delhi Blast : दिल्ली के लाल किले के पास हुए कार बम विस्फोट की जांच में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की पड़ताल में सामने आया है कि मुख्य आरोपी डॉ. अदील अहमद राठेर ने हमले से दो महीने पहले अपने वेतन का एडवांस मांगने के लिए लगातार दबाव बनाया था। जांचकर्ताओं को संदेह है कि उसने जिस अग्रिम राशि की मांग की थी, उसका उपयोग आतंकी साजिश को अंजाम देने के लिए किया गया।
जानकारी के अनुसार, अदील पहले अनंतनाग के सरकारी मेडिकल कॉलेज में सीनियर रेजिडेंट था और मार्च 2025 में वह सहारनपुर के एक अस्पताल में स्थानांतरित हुआ। सम्मानजनक वेतन मिलने के बावजूद, उसके फोन से डिलीट किए गए मैसेज बताते हैं कि 5 से 9 सितंबर के बीच उसने एक वरिष्ठ अधिकारी से कई बार एडवांस वेतन की गुहार लगाई।
5 सितंबर को भेजे संदेश में उसने लिखा “सर, मैंने वेतन क्रेडिट का अनुरोध किया है… बहुत ज़रूरत है।” 6 सितंबर और उसके बाद भी उसने बार-बार आग्रह किया जल्द से जल्द वेतन चाहिए सर… पैसों की बहुत आवश्यकता है।
सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार, धमाके में इस्तेमाल हुए 26 लाख रुपये में से 8 लाख रुपये अदील ने दिए थे। पूछताछ में सह-आरोपी मुज़म्मिल शकील ने खुलासा किया कि आतंकी मॉड्यूल में अदील को “कोषाध्यक्ष” माना जाता था।
धौज से एक और गिरफ्तारी
दिल्ली धमाके की जांच में एनआईए ने फरीदाबाद के धौज से शोएब नाम के एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है, जिसे आतंकी उमर का करीबी बताया जा रहा है। कोर्ट ने उसे 10 दिन की एनआईए रिमांड पर भेज दिया। शोएब इस मामले में गिरफ़्तार किया गया सातवां आरोपी है।
दो आरोपी अदालत में पेश
एनआईए ने धमाके में गिरफ्तार दो आरोपियों – शोएब और आमिर राशिद अली को बुधवार को दिल्ली की जिला एवं सत्र अदालत में पेश किया, जहां से दोनों को आगे की पूछताछ के लिए एनआईए हिरासत में भेज दिया गया।
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