
Delhi Blast. केंद्र सरकार ने लाल किले के पास सोमवार को हुए कार विस्फोट को ‘आतंकवादी घटना’ करार दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस घटना पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया गया। इस विस्फोट में अब तक कम से कम 10 लोगों की मौत हो चुकी है और कई अन्य घायल हैं।
बैठक के दौरान मंत्रिमंडल ने दो मिनट का मौन रखकर मृतकों को श्रद्धांजलि दी और इस हमले को नृशंस और कायराना कृत्य बताया। प्रस्ताव में कहा गया कि यह हमला निर्दोष नागरिकों की जान लेने वाला एक अमानवीय कृत्य है, जिसकी स्पष्ट रूप से निंदा की जाती है।
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बैठक के बाद जानकारी देते हुए कहा कि मंत्रिमंडल ने आतंकवाद के प्रति सरकार की शून्य सहिष्णुता की नीति को दोहराया है। उन्होंने कहा कि भारत सभी रूपों और अभिव्यक्तियों में आतंकवाद के खिलाफ अपनी अटूट प्रतिबद्धता पर कायम है। सरकार इस घटना की जांच अत्यंत तत्परता और पेशेवर ढंग से कराने के निर्देश दे चुकी है।
कैबिनेट ने कहा कि जांच एजेंसियों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि वे विस्फोट के अपराधियों, उनके सहयोगियों और प्रायोजकों की जल्द से जल्द पहचान करें और उन्हें कानून के कटघरे में लाएं। बयान में यह भी कहा गया कि सरकार के उच्चतम स्तर पर स्थिति पर लगातार नज़र रखी जा रही है।
देश की संप्रभुता और सुरक्षा पर हमला बताया
सरकार ने इस घटना को देश की संप्रभुता और सुरक्षा पर हमला बताते हुए कहा कि ऐसे कृत्यों को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। साथ ही, कैबिनेट ने उन देशों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों का आभार व्यक्त किया जिन्होंने इस कठिन समय में भारत के प्रति एकजुटता और समर्थन जताया है।
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सरकारी सूत्रों के अनुसार, जांच की निगरानी गृह मंत्रालय और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) द्वारा की जा रही है, जबकि दिल्ली पुलिस और सुरक्षा एजेंसियाँ घटनास्थल से मिले साक्ष्यों के आधार पर संभावित आतंकी नेटवर्क का पता लगा रही हैं।



