Chitrakoot Pension Scam : मृतकों के खातों में गया 13.20 करोड़ रुपए, एसआईटी जांच में नए खुलासे

Chitrakoot News : चित्रकूट में हुए 42.04 करोड़ रुपये के कथित पेंशन घोटाले की जांच में रोज नए खुलासे हो रहे हैं। विशेष जांच दल (एसआईटी) ने पाया है कि चार मृतक पेंशनभोगियों की फाइलें फर्जी तरीके से पुनः सक्रिय कर दी गईं, जिनके खातों में 13.20 करोड़ रुपए की धनराशि स्थानांतरित की गई।

यह मामला प्रदेश में सामने आए हालिया एक्स-रे तकनीशियन घोटाले और बलिया नर्सिंग भर्ती घोटाले के बाद उजागर हुआ है, जिसने सरकारी तंत्र की पारदर्शिता पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं।

2018 में मर चुके लोगों को जारी रही पेंशन

एसआईटी के अनुसार, जिन चार मृतकों के नाम पर यह फर्जी भुगतान हुआ, वे हैं – शिव प्रसाद, रामखिलावन, राजेंद्र कुमार और गिरिजेश कुमारी। इन सभी की मृत्यु वर्ष 2018 में हो चुकी थी, इसके बावजूद उनकी पेंशन फाइलें पुनः चालू कर दी गईं और खातों में लाखों रुपये जमा होते रहे।

यह भी पढ़ें – Pratapgarh News-माया मोह से छुटकारा पाने के लिए भक्तिभाव से हो प्रभु का स्मरण- श्रीराघव रामानुजदास

मृतक शिव प्रसाद को 3.97 करोड़, रामखिलावन को 3.59 करोड़, राजेंद्र कुमार को 3.45 करोड़, गिरिजेश कुमारी को 2.20 करोड़ रुपए भेज दिए गए, यानी कुल 13.20 करोड़ रुपए। |

2018 से 2025 तक की अवधि में हुआ घोटाला

यह घोटाला 30 अगस्त 2018 से 6 अक्टूबर 2025 के बीच जिला कोषागार कार्यालय, चित्रकूट में हुआ बताया जा रहा है। जांच का नेतृत्व सर्किल ऑफिसर (नगर) अरविंद कुमार वर्मा कर रहे हैं। 17 अक्टूबर को वरिष्ठ कोषागार अधिकारी रमेश सिंह की शिकायत पर चार अधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई। इनमें – संदीप कुमार श्रीवास्तव (पूर्व सहायक कोषागार लेखाकार), अशोक कुमार (कोषागार लेखाकार), विकास सिंह सचान (सहायक कोषाध्यक्ष), अवधेश प्रताप सिंह (सेवानिवृत्त सहायक कोषागार अध्यक्ष) शामिल हैं। इनके अलावा 93 पेंशनभोगी और पारिवारिक पेंशनभोगी भी आरोपियों की सूची में हैं।

दिल का दौरा पड़ने से आरोपी अधिकारी की मौत

एफआईआर दर्ज होने के दो दिन बाद, 20 अक्टूबर को आरोपी संदीप कुमार श्रीवास्तव की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई।

वसूली और पूछताछ शुरू

पुलिस अधीक्षक अरुण कुमार सिंह ने बताया कि एसआईटी ने उन 93 खातों से वसूली की कार्रवाई शुरू कर दी है, जिनमें अनियमित भुगतान हुए थे। अब तक12 पेंशनभोगियों ने 49.18 लाख रूपए की राशि राजकोष में जमा कर दी है। इनमें – 52 बेसिक शिक्षा विभाग से, 22 माध्यमिक शिक्षा विभाग से और 19 अन्य विभागों से सेवानिवृत्त कर्मचारी शामिल हैं।

एसपी ने बताया कि अब तक 12 लोगों के बयान दर्ज किए गए हैं। जल्द ही गिरफ्तारियां संभव हैं। जिन्होंने धनराशि लौटाई है, उन्हें अदालत से राहत मिल सकती है।

ऑडिट में खुला घोटाले का राज

6 अक्टूबर को प्रयागराज स्थित महालेखाकार (लेखा परीक्षा एवं पात्रता) कार्यालय की टीम ने ऑडिट के दौरान अनधिकृत भुगतान का खुलासा किया था। बाद में आंतरिक जांच में पुष्टि हुई कि कोषागार अधिकारियों ने पेंशन रिकॉर्ड में हेराफेरी कर करोड़ों रुपये का गबन किया।

अन्य विभागों में भी फर्जीवाड़ा

प्रदेश में इससे पहले भी कई घोटाले उजागर हो चुके हैं। फरवरी 2025 में नर्सिंग भर्ती घोटाला सामने आया था। इस दौरान फर्जी नियुक्ति पत्रों के ज़रिए अयोग्य अभ्यर्थियों की भर्ती की गई। करीब 5,000 से अधिक भर्तियों की जांच जारी है। सितंबर 2025 में एक्स-रे तकनीशियन घोटाला सामने आया था। एक ही व्यक्ति की पहचान से छह जिलों में सरकारी वेतन लिया गया। अब जांच 30 जिलों में 61 फर्जी नियुक्तियों तक पहुंच चुकी है।

एसपी बोले – जल्द होंगी गिरफ्तारियां

एसपी अरुण कुमार सिंह ने कहा कि एसआईटी मामले की गहराई से जांच कर रही है। जल्द ही गिरफ्तारी की प्रक्रिया शुरू होगी। जिन लोगों ने गलत भुगतान लौटाना शुरू किया है, उन्हें कानूनी प्रक्रिया में कुछ राहत मिल सकती है।

Show More

Related Articles

Back to top button