
New Delhi. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि छत्तीसगढ़ अब “माओवादी आतंकवाद” की गिरफ्त से लगभग मुक्त हो चुका है और पूरा देश भी जल्द ही इस खतरे से पूरी तरह आज़ाद हो जाएगा। राज्य के गठन के 25 वर्ष पूरे होने पर छत्तीसगढ़ रजत महोत्सव के अवसर पर नवा रायपुर में आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि दशकों तक नक्सली हिंसा से जूझने वाले क्षेत्रों में अब विकास और शांति का नया अध्याय शुरू हो रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ग्यारह साल पहले 125 से ज़्यादा ज़िले माओवादी आतंकवाद से प्रभावित थे, लेकिन आज यह संख्या घटकर सिर्फ तीन रह गई है। यह बदलाव देश के लिए गर्व का विषय है। वह दिन दूर नहीं जब छत्तीसगढ़ और पूरा भारत माओवादी आतंकवाद से पूरी तरह मुक्त हो जाएगा।
उन्होंने बताया कि सरकार ने 31 मार्च 2026 तक नक्सलवाद को पूरी तरह समाप्त करने का लक्ष्य तय किया है। मोदी ने कहा कि यह सफलता सुरक्षा बलों के लगातार अभियानों, बुनियादी ढांचे के तेज़ विकास और पुनर्वास की बहुआयामी रणनीति का परिणाम है।
सत्ता में बैठे लोग मौन दर्शक बने रहे
प्रधानमंत्री ने उन राजनीतिक दलों पर निशाना साधा जो “संविधान की रक्षा” और “सामाजिक न्याय” की बात करते हुए भी आदिवासी इलाकों की दशकों तक उपेक्षा करते रहे। उन्होंने कहा कि नक्सलवाद के कारण आदिवासी गांव सड़कों, स्कूलों और अस्पतालों जैसी बुनियादी सुविधाओं से वंचित रहे, जबकि सत्ता में बैठे लोग मौन दर्शक बने रहे।
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गृह मंत्रालय के हालिया आंकड़ों के अनुसार, देश में वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित जिलों की संख्या 2013 में 126 थी, जो अब घटकर केवल 11 रह गई है, जिनमें से तीन जिले – बीजापुर, सुकमा और नारायणपुर (छत्तीसगढ़) – सबसे अधिक प्रभावित हैं। मोदी ने कहा कि आज छत्तीसगढ़ शांति, सुरक्षा और विकास की दिशा में निर्णायक कदम बढ़ा चुका है।



