Chandigarh: पंजाब सरकार ने राज्य में करीब नौ साल पहले हुई गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी की घटनाओं में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम के विरूद्ध केस चलाने को मंजूरी दे दी है। राम रहीम के विरूद्ध बेअदबी से जुड़े तीन मामलों में केस चलाया जाएगा।
इस मामले की शुरुआत जून, 2015 में फरीदकोट के बुर्ज जवाहर सिंह वाला गांव में एक गुरुद्वारे से गुरु ग्रंथ साहिब की एक प्रति की चोरी से शुरू हुई थी। इसके बाद सितंबर में फरीदकोट के जवाहर सिंह वाला और बरगाड़ी गांवों में पवित्र ग्रंथ के खिलाफ़ हाथ से लिए हुए अपवित्र पोस्टर लगाए गए। उसी वर्ष अक्टूबर में बरगाड़ी में एक गुरुद्वारे के पास पवित्र ग्रंथ के कई फटे हुए अंग (पृष्ठ) बिखरे हुए मिले। बाद में पंजाब में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए। राज्य पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर गोलीबारी की, जिसमें दो आंदोलनकारियों की मौत हो गई। इस दौरान पंजाब में सामाजिक और राजनीतिक अशांति और बढ़ गई।
पंजाब सरकार की मंजूरी मिलने के बाद अब पंजाब के फरीदकोट की अदालत में राम रहीम के विरूद्ध ट्रायल चलेगा। गुरमीत राम रहीम इस समय रोहतक की सुनारियां जेल में बेद हैं। पिछले सप्ताह पंजाब सरकार की ओर से दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बेअदबी से जुड़े मामलों में पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट का स्थगनादेश हटा दिया था। साथ ही इस मामले में डेरा प्रमुख को नोटिस जारी कर चार हफ्ते में जवाब तलब किया था।
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कांग्रेस ने यह मामला उठाते हुए गृह विभाग का मुखिया होने के नाते सीएम भगवंत मान को घेरा था। डेरामुखी की फाइल करीब सवा दो साल से सीएम आफिस में पड़ी हुई है। आम आदमी पार्टी के विधायक कुंवर विजय प्रताप सिंह भी यह मामला विधानसभा में उठा चुके हैं।