
Business News: केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को वाशिंगटन डी.सी. में अमेरिकी वाणिज्य सचिव हॉवर्ड ल्यूटनिक के साथ अपनी दूसरी बैठक की। इस बैठक में भारत और अमेरिका के बीच प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार समझौते (Bilateral Trade Agreement) के विभिन्न पहलुओं पर गहन चर्चा हुई।
इससे पहले 20 मई को भी दोनों नेताओं के बीच व्यापार समझौते के पहले चरण को लेकर विचार-विमर्श हुआ था, जिसमें इसे तेजी से अंतिम रूप देने पर सहमति बनी थी।
गोयल ने इस मुलाकात के बाद सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, “सचिव हॉवर्ड ल्यूटनिक के साथ एक रचनात्मक बैठक हुई। हमारा उद्देश्य एक पारस्परिक रूप से लाभकारी व्यापार समझौता करना है, जो हमारे उद्योगों और नागरिकों के लिए अधिक अवसर पैदा करेगा।”
यह बैठक ऐसे समय में हुई है जब भारत और अमेरिका 8 जुलाई तक एक अंतरिम व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने पर विचार कर रहे हैं। इस दिशा में मुख्य वार्ताकारों के बीच चार दिवसीय बातचीत 22 मई को समाप्त हो चुकी है।
भारतीय मांगें और अमेरिकी टैरिफ की स्थिति:
भारत इस समझौते के तहत अमेरिका से भारतीय वस्तुओं पर लगाए गए 26% पारस्परिक टैरिफ की पूर्ण छूट की मांग कर रहा है। अमेरिका ने 2 अप्रैल को यह अतिरिक्त शुल्क लागू किया था, लेकिन इसे 9 जुलाई तक 90 दिनों के लिए निलंबित कर दिया गया है। इस निलंबन के चलते फिलहाल भारतीय निर्यातकों को केवल 10% के आधारभूत टैरिफ का भुगतान करना पड़ रहा है।
गौरतलब है कि इस टैरिफ में स्थायी राहत के लिए अमेरिका को कांग्रेस की मंजूरी की आवश्यकता होगी, जबकि प्रशासन के पास कुछ देशों से पारस्परिक शुल्क हटाने का अधिकार है।
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भविष्य की रणनीति और लक्ष्य:
भारत इस द्विपक्षीय व्यापार समझौते के पहले चरण में श्रम-प्रधान क्षेत्रों के लिए टैरिफ रियायतों को सुनिश्चित करना चाहता है। दोनों देशों ने सितंबर-अक्टूबर 2025 तक पहले चरण को पूर्ण करने का लक्ष्य तय किया है, ताकि 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाकर 500 अरब डॉलर से अधिक किया जा सके।