
बेताल की भूमिका निभाने वाले सज्जन कुमार ने अपने करियर में 150 से भी अधिक फिल्मों में अभिनय किया। कई फिल्मों में उन्होंने मुख्य भूमिकाएं निभाईं, तो कुछ में सहायक किरदारों से दर्शकों के दिल में जगह बनाई। हालांकि, ‘विक्रम-बेताल’ में उनका बेताल बनकर अरुण गोविल (विक्रम) की पीठ पर चढ़ना दर्शकों के दिल में ऐसी छाप छोड़ गया कि आज भी लोग उस किरदार को भूले नहीं हैं।
टीवी के सुनहरे दौर में चमका ‘विक्रम-बेताल’
1980 के दशक में जब दूरदर्शन हर घर की पहली पसंद हुआ करता था, तब ‘विक्रम-बेताल’ नाम का यह पौराणिक सीरियल हर रविवार को लोगों को टीवी स्क्रीन से जोड़ देता था। अरुण गोविल जहां विक्रमादित्य की भूमिका में गंभीर और शौर्यवान नजर आए, वहीं सज्जन कुमार का बेताल किरदार शो की जान बन गया। उनकी रहस्यमयी आवाज़, उड़ते हुए बाल, और दार्शनिक पहेलियां – सबने मिलकर इस शो को अमर बना दिया।
इस शो की लोकप्रियता का आलम यह रहा कि 2018 में इसका एक नया संस्करण भी बनाया गया, लेकिन दर्शकों के दिल में ओरिजिनल ‘विक्रम-बेताल’ की बात ही कुछ और थी।
कौन थे सज्जन कुमार?
सज्जन कुमार का जन्म 15 जनवरी 1921 को जयपुर में हुआ था। बचपन में उनका सपना वकील बनने का था, लेकिन किस्मत उन्हें एक्टिंग की दुनिया में ले आई। उन्होंने अपने अभिनय करियर की शुरुआत फिल्म ‘धन्यवाद’ से की और 1950-60 के दशक में हिंदी सिनेमा की कई मशहूर फिल्मों में काम किया।
उनकी सौम्य छवि और गहरे संवादों की कला ने उन्हें इंडस्ट्री में एक अलग मुकाम दिलाया। परंतु, बेताल की भूमिका उनके करियर का सबसे यादगार अध्याय बन गई।
कब हुआ उनका निधन?
बहुत से लोग यह नहीं जानते कि सज्जन कुमार अब हमारे बीच नहीं हैं। 17 मई, 2000 को उन्होंने इस दुनिया को अलविदा कह दिया। लेकिन उनका काम, खासकर ‘विक्रम-बेताल’ में निभाया गया बेताल का किरदार आज भी टीवी इतिहास में अमिट छाप छोड़ गया है।
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याद रहेंगे सज्जन, उनके यादगार किरदार के लिए
भले ही सज्जन कुमार अब इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन उनके अभिनय की अमिट छवि, खासकर बेताल की, आज भी लोगों के ज़ेहन में जिंदा है। उनका किरदार आज भी हमें सिखाता है कि एक कलाकार केवल पर्दे पर नहीं, बल्कि लोगों की यादों में भी अमर हो सकता है।