
Barabanki News-जनपद के परिषदीय स्कूलों में मिड-डे मील योजना को लेकर लापरवाही एक बार फिर सामने आई है। स्कूल खुले दो सप्ताह से अधिक हो चुके हैं, लेकिन अभी तक अधिकांश स्कूलों को मिड-डे मील (एमडीएम) का खाद्यान्न नहीं मिला है। इससे शिक्षकों को उधार लेकर मध्यान्ह भोजन बनवाना पड़ रहा है।
जून में भी मिला था कम राशन
प्राथमिक विद्यालय मीरापुर के प्रधानाध्यापक मुज्जफर हुसैन ने बताया कि पिछली तिमाही में उन्हें केवल 25 किलो खाद्यान्न मिला था, जो अब पूरी तरह समाप्त हो चुका है। कई स्कूलों को जून में मांग से कम राशन उपलब्ध कराया गया था।
अधिकारियों से मिला था आश्वासन
एक बैठक में शिक्षकों ने खाद्यान्न की कमी का मुद्दा खंड शिक्षा अधिकारी के सामने उठाया था। 5 जुलाई तक राशन पहुंचाने का आश्वासन भी दिया गया था। साथ ही यह चेतावनी भी दी गई थी कि यदि भोजन न बना, तो कार्रवाई की जाएगी।
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गुणवत्ता पर पड़ रहा असर
शिक्षक नेता अभिषेक सिंह ने बताया कि यह समस्या पूरे जिले में देखी जा रही है। उन्होंने कहा:
“अधिकारियों को अवगत करा दिया गया है, और जल्द ही खाद्यान्न आवंटन की उम्मीद है। लेकिन तब तक शिक्षकों पर मानसिक और आर्थिक दबाव बना हुआ है।”
अधिकारियों से नहीं मिल पा रही स्पष्ट जानकारी
खंड शिक्षा अधिकारी फिजा मिर्जा से संपर्क करने के लिए सीयूजी नंबर पर कई बार प्रयास किया गया, लेकिन हर बार की तरह फोन नहीं मिला।
आंशिक जवाब—लेकिन समाधान अधूरा
सिरौलीगौसपुर पूर्ति निरीक्षक सुनील कुमार ने बताया कि
“अप्रैल से जून तक का एमडीएम राशन भेज दिया गया है, और जुलाई का राशन जल्द भेजा जाएगा।”
इस पर उपजिलाधिकारी प्रीति सिंह ने भरोसा दिलाया कि
“खंड शिक्षा अधिकारी और पूर्ति निरीक्षक से वार्ता कर जल्द से जल्द एमडीएम का खाद्यान्न विद्यालयों तक पहुंचाया जाएगा।”