
Barabanki forest area- जनपद के हरख वन क्षेत्र में इन दिनों वन मंत्री की सख्ती भी बेअसर नजर आ रही है। ग्राम पंचायत टिकरिया मजरा संगौरा सैदखां और बजार पुरवा मजरा असंद्रा सहित कई क्षेत्रों में वन माफिया खुलेआम हरे-भरे पेड़ों को काटकर गिरा रहे हैं। सबसे चिंताजनक बात यह है कि स्थानीय लोगों की शिकायत और विरोध के बावजूद कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो रही, जिससे माफियाओं के हौसले दिन-ब-दिन और बुलंद होते जा रहे हैं।
ग्रामीणों के अनुसार, दिन हो या रात, नीम और गूलर जैसे महत्वपूर्ण वृक्षों को बेरहमी से काटा जा रहा है। जब लोगों ने इस पर आपत्ति जताई तो माफियाओं ने दावा किया कि उन्हें वन विभाग से परमिशन प्राप्त है और यह कहकर वे दोबारा कटाई में लग गए। यह बयान अपने आप में विभागीय लापरवाही या मिलीभगत की ओर इशारा करता है।
हरख वन क्षेत्र में हर दिन हरियाली को मिटाने का सिलसिला जारी है और क्षेत्र का पर्यावरणीय संतुलन खतरे में पड़ता जा रहा है। वन विभाग के डीएफओ आकाश दीप बाधवन ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि “यदि बिना परमिट पेड़ काटे गए हैं तो निश्चित रूप से कार्रवाई की जाएगी।”
परंतु सवाल यह है कि जब स्थानीय लोग लगातार सूचना दे रहे हैं, तब तक विभाग ने अब तक कोई रोकथाम क्यों नहीं की? क्या वाकई कार्रवाई होगी या यह भी केवल एक औपचारिक प्रतिक्रिया बनकर रह जाएगी?
जिम्मेदार विभागों की अनदेखी से क्षेत्र में हरियाली संकट में है, और यदि जल्द हस्तक्षेप न हुआ, तो आने वाले समय में पर्यावरणीय हानि के गंभीर परिणाम सामने आ सकते हैं।