Barabanki – गांधी-शास्त्री के आदर्श आज भी प्रासंगिक : डीएम शशांक त्रिपाठी

Barabanki – राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री की जयंती पर जिलाधिकारी श्री शशांक त्रिपाठी ने कहा कि दोनों ही महापुरुषों का मूल स्वभाव एक-दूसरे से मिलता-जुलता था। वे दूसरों के कष्टों को अपना कष्ट मानते थे। गांधी जी और शास्त्री जी के जीवन से हम सभी को प्रेरणा लेने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि आज हम गांधी जी की 156वीं जयंती मना रहे हैं, ऐसे में उनके बताए मार्ग पर चलना ही सच्ची श्रद्धांजलि होगी।

गांधी-शास्त्री के आदर्शों से मिलेगा समाज को मार्ग

कलेक्ट्रेट परिसर में ध्वजारोहण कर डीएम ने स्वच्छता की शपथ दिलाई। इसके उपरांत लोक सभागार में गांधी जी व शास्त्री जी की प्रतिमाओं पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। जिलाधिकारी ने कहा कि गांधी जी का सत्य और अहिंसा का मार्ग ही लोकतांत्रिक मूल्यों को जीवंत बनाए हुए है। उन्होंने कहा कि भारत आज लोकतांत्रिक राष्ट्र के रूप में स्थापित है तो इसका श्रेय गांधी जी की सत्य और अहिंसा की नीति को जाता है। डीएम ने कहा कि गांधी जी ने तय किया था कि आजादी तलवार और बंदूक से नहीं बल्कि सत्य और अहिंसा के रास्ते से लेनी है। उन्होंने सविनय अवज्ञा आंदोलन के माध्यम से समाज को रास्ता दिखाया कि अपनी बात कैसे रखी जाए।

दोनों महापुरुषों का बलिदान कभी भुलाया नहीं जा सकता : डीएम

डीएम श्री शशांक त्रिपाठी ने कहा कि गांधी जी और शास्त्री जी ने अपने जीवन को पूरी तरह देशसेवा के लिए समर्पित किया। उनके बलिदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता। उनकी बताई गई बातें आज भी समाज के लिए उतनी ही प्रासंगिक हैं। उन्होंने कहा कि शास्त्री जी ने “जय जवान-जय किसान” का नारा देकर भारत को आंतरिक रूप से मजबूत किया। रेल दुर्घटना के बाद नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए उन्होंने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। इतना ही नहीं, प्रधानमंत्री रहते हुए भी वे अत्यंत साधारण जीवन व्यतीत करते थे।

गांधी जी का सत्य-अहिंसा और शास्त्री जी का त्याग बने प्रेरणा

जिलाधिकारी ने कहा कि समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति के दुःख-दर्द को समझना और उनके उत्थान के लिए काम करना ही इन दोनों महापुरुषों के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी। इस अवसर पर एडीएम (वित्त एवं राजस्व) श्री अरुण कुमार ने कहा कि दोनों महान विभूतियों के पदचिन्हों पर चलकर ही समाज के निर्बल और असहाय वर्ग का उत्थान संभव है। वहीं एडीएम (न्यायिक) श्री राजकुमार सिंह ने कहा कि गांधी जी ने सत्य और अहिंसा के बल पर वकालत छोड़कर देशसेवा का मार्ग चुना।

इस अवसर पर एडीएम (वित्त एवं राजस्व) श्री अरुण कुमार सिंह, एडीएम (न्यायिक)श्री राजकुमार सिंह, डिप्टी कलेक्टर मधुमिता सिंह, आकांक्षा गुप्ता, अनिल सरोज सहित कलेक्ट्रेट के अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित रहे।
वहीं गांधी जी और शास्त्री जी की जयंती पर पुलिस लाइंस में पुलिस अधीक्षक श्री अर्पित विजयवर्गीय ने ध्वजारोहण किया। विकास भवन में सीडीओ ने ध्वजारोहण किया और सूचना एवं जनसंपर्क कार्यालय में मयंक तिवारी ने ध्वजारोहण कर गांधी जी और शास्त्री जी की जयंती को भव्य रूप से मनाया।

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