
Balochistan Terrorism: पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में एक नाबालिग छात्र को सोशल मीडिया पर एक पोस्ट साझा करने के लिए आतंकवाद के आरोप का सामना करना पड़ा। इस घटना ने मानवाधिकार संगठनों के बीच तीखी प्रतिक्रिया को जन्म दिया है, जिन्होंने इसे बाल अधिकारों का घोर उल्लंघन बताया है। फिलहाल, तुर्बत की आतंकवाद-रोधी अदालत ने शनिवार को छात्र को जमानत दे दी।
मामला क्या है?
द बलूचिस्तान पोस्ट के अनुसार, यह मामला केच जिले के तुर्बत इलाके का है। आतंकवाद-रोधी विभाग (CTD) ने एक मानवाधिकार कार्यकर्ता गुलजार दोस्त का भाषण कथित तौर पर सोशल मीडिया पर साझा करने के आरोप में नाबालिग छात्र सोहैब खालिद के खिलाफ आतंकवाद का मामला दर्ज किया था। गुलजार दोस्त पाकिस्तान के आतंकवाद-विरोधी अधिनियम की “चौथी अनुसूची” के तहत सूचीबद्ध हैं।
अदालती दस्तावेजों के अनुसार, सोहैब ने यह वीडियो टिक टॉक पर साझा किया था। छात्र के वकील, जदैन दश्ती ने कहा कि आरोप “निराधार और असंगत” थे, और सोहैब को साझा किए गए वीडियो के कानूनी निहितार्थों की कोई जानकारी नहीं थी।
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मानवाधिकार संगठनों की आलोचना
इस घटना की मानवाधिकार संगठनों ने कड़ी आलोचना की है। पाकिस्तान मानवाधिकार आयोग (HRCP) ने इस घटना पर हैरानी जताई है। आयोग ने कहा कि एक नाबालिग पर “आतंकवाद” का आरोप लगाना “बाल अधिकारों और उचित प्रक्रिया का घोर उल्लंघन” है। एचआरसीपी ने इस तरह से आतंकवाद-विरोधी कानूनों के दुरुपयोग की कड़ी निंदा करते हुए, “आरोपों को तुरंत वापस लेने, प्राथमिकी की गहन समीक्षा करने और इस खतरनाक प्रवृत्ति के लिए जिम्मेदार अधिकारियों की जवाबदेही तय करने” की मांग की है।