Bihar Election 2025 : पहले चरण में 32 % उम्मीदवार आपराधिक छवि वाले – एडीआर की रिपोर्ट में खुलासा

बिहार चुनाव के पहले चरण से पहले एडीआर रिपोर्ट में बड़ा खुलासा हुआ है। 1,303 उम्मीदवारों में से 32% ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं।

Bihar Election 2025. बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण से पहले एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) की रिपोर्ट ने बड़ा खुलासा किया है। रिपोर्ट के मुताबिक, पहले चरण में मैदान में उतरने वाले तीन में से एक उम्मीदवार यानी करीब 32 फीसदी प्रत्याशी आपराधिक मामलों का सामना कर रहे हैं। इनमें से 27 फीसदी उम्मीदवारों पर गंभीर अपराध, जैसे हत्या, हत्या के प्रयास और महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले दर्ज हैं।

6 नवंबर को होगा पहले चरण का मतदान

बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण में 6 नवंबर को मतदान होना है। इस चरण में 1,314 उम्मीदवार मैदान में हैं। एडीआर और बिहार इलेक्शन वॉच ने इनमें से 1,303 उम्मीदवारों के हलफनामों का विश्लेषण किया।

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रिपोर्ट के मुताबिक, 423 उम्मीदवारों (32%) ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं, जबकि 354 उम्मीदवारों (27%) ने अपने खिलाफ गंभीर आपराधिक मामलों की जानकारी दी है।

हत्या और महिलाओं के खिलाफ अपराधों में नामजद उम्मीदवार

  • 33 उम्मीदवारों पर हत्या से संबंधित मामले दर्ज हैं।
  • 86 उम्मीदवारों ने हत्या के प्रयास के मामले घोषित किए हैं।
  • 42 उम्मीदवारों ने महिलाओं के खिलाफ अपराधों से जुड़े केस बताए हैं, जिनमें से 2 उम्मीदवारों ने बलात्कार के मामले भी घोषित किए हैं।

किन दलों में कितने दागी उम्मीदवार

रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रमुख राजनीतिक दलों में कई प्रत्याशी ऐसे हैं जिन पर गंभीर आपराधिक मामले चल रहे हैं।

  • सीपीआई (माले) के 93% उम्मीदवारों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं।
  • राजद में यह आंकड़ा 76% और भाजपा में 65% है।
  • जन सुराज पार्टी के 114 में से 50 (44%) उम्मीदवारों पर केस दर्ज हैं।
  • बसपा के 89 में से 18 (20%),
  • जेडीयू के 57 में से 22 (39%),
  • आप के 44 में से 12 (27%),
  • कांग्रेस के 23 में से 15 (65%) उम्मीदवारों पर आपराधिक आरोप हैं।

वहीं लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के 13 में से 7 (54%) उम्मीदवारों पर केस दर्ज हैं। सीपीआई और सीपीआई (एम) के सभी उम्मीदवारों (100%) ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं।

लोकतंत्र के लिए चिंता का विषय

एडीआर की रिपोर्ट बताती है कि बिहार चुनावों में अपराध और राजनीति का गठजोड़ अब भी गहराई तक मौजूद है। पहले चरण के नतीजे आने से पहले यह आंकड़े राज्य की राजनीति में साफ संकेत दे रहे हैं कि दागदार उम्मीदवारों की उपस्थिति अभी भी बड़ी चुनौती बनी हुई है।

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