India Pakistan Tension : ट्रंप के बाद चीन का दावा: भारत-पाक तनाव में की मध्यस्थता, नई दिल्ली ने बताया ‘अजीब’

India Pakistan Tension : ट्रंप के बाद चीन ने भारत-पाक तनाव में मध्यस्थता का दावा किया, जिसे भारत ने खारिज कर दिया। जानिए पहलगाम हमले, ऑपरेशन सिंदूर और नई दिल्ली की प्रतिक्रिया।

India Pakistan Tension :  अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बाद अब चीन ने भी भारत और पाकिस्तान के बीच मई महीने में हुए सैन्य तनाव को खत्म कराने में अपनी भूमिका का दावा किया है। हालांकि, भारत सरकार से जुड़े सूत्रों ने इस दावे को सिरे से खारिज करते हुए इसे “अजीब” बताया है और कहा है कि तनाव खत्म करने में चीन की कोई भूमिका नहीं थी।

चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने बीजिंग में आयोजित एक संगोष्ठी के दौरान कहा कि 2025 में चीन ने कई अंतरराष्ट्रीय संघर्षों में मध्यस्थता की, जिनमें भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव भी शामिल है। उनके इस बयान पर नई दिल्ली में हैरानी जताई जा रही है।

पहलगाम आतंकी हमले के बाद बढ़ा था तनाव

22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम इलाके में हुए आतंकी हमले में 26 नागरिकों की मौत के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच हालात बेहद तनावपूर्ण हो गए थे। इसके जवाब में भारत ने ऑपरेशन सिंदूर चलाया, जिसके तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया।

भारत ने तीसरे पक्ष की भूमिका से किया इनकार

घटनाक्रम से वाकिफ लोगों के मुताबिक, 10 मई को भारत और पाकिस्तान के वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों के बीच सीधी बातचीत के बाद ही सैन्य कार्रवाई रोकने पर सहमति बनी थी। सूत्रों ने दोहराया कि भारत की नीति स्पष्ट है – भारत-पाकिस्तान से जुड़े मामलों में किसी भी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता की कोई गुंजाइश नहीं है।

एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “चीन का यह दावा पूरी तरह अजीब है। मई में तनाव खत्म करने में उसकी कोई भूमिका नहीं थी।”

ट्रंप के दावे की याद दिलाता चीन का बयान

सूत्रों का कहना है कि चीन का यह दावा अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की उस टिप्पणी की याद दिलाता है, जिसमें उन्होंने भारत-पाकिस्तान के बीच युद्धविराम कराने का श्रेय खुद को दिया था। भारत सरकार पहले ही ट्रंप के इस दावे को भी खारिज कर चुकी है।

पाकिस्तान को चीन की सैन्य मदद पर सवाल

गौरतलब है कि पाकिस्तान के सैन्य हार्डवेयर का 81% से अधिक हिस्सा चीन से आता है। मई के टकराव के दौरान ऐसी रिपोर्ट्स भी सामने आई थीं कि चीन ने पाकिस्तान को रियल-टाइम सर्विलांस इनपुट और अन्य तकनीकी सहायता दी थी। भारतीय अधिकारियों का मानना है कि चीन ने इस संघर्ष का इस्तेमाल अपने हथियार प्रणालियों की क्षमता दिखाने के लिए किया।

Show More

Related Articles

Back to top button