
नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) की कार्यशैली की सराहना करते हुए कहा कि 22 अप्रैल को हुए पहलगाम आतंकी हमले की जांच “पूरी, सटीक और बेहद सफल” रही है। उन्होंने कहा कि यह जांच न केवल वैश्विक एजेंसियों के लिए एक केस स्टडी बनेगी, बल्कि अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान की भूमिका को भी बेनकाब करेगी।
शुक्रवार को NIA द्वारा आयोजित दो दिवसीय आतंकवाद विरोधी सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए शाह ने 10 नवंबर को दिल्ली के लाल किले के पास हुए विस्फोट की जांच की भी प्रशंसा की। उन्होंने बताया कि एजेंसियों ने आतंकियों के इस्तेमाल से पहले ही करीब तीन टन विस्फोटक बरामद कर लिया था। गृह मंत्री ने कहा कि पहलगाम और दिल्ली दोनों मामलों की जांच रूटीन पुलिसिंग नहीं, बल्कि “पुख्ता और पेशेवर जांच” के उदाहरण हैं।
पहलगाम के बैसरन घास के मैदान में हुए हमले का जिक्र करते हुए अमित शाह ने कहा कि आतंकियों का उद्देश्य देश में सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ना और कश्मीर में विकास व पर्यटन को नुकसान पहुंचाना था। उन्होंने बताया कि सटीक खुफिया जानकारी के आधार पर सुरक्षा बलों ने तीनों आतंकवादियों को मार गिराया, जिससे पाकिस्तान को कड़ा संदेश गया।
शाह ने कहा कि यह पहली आतंकी घटना थी, जिसमें हमले की साजिश रचने वालों को ऑपरेशन सिंदूर के तहत दंडित किया गया और हथियार उठाने वाले आतंकियों को ऑपरेशन महादेव के तहत खत्म किया गया। पहलगाम हमले में शामिल तीनों आतंकवादी 28 जुलाई को मुठभेड़ में मारे गए थे। 15 दिसंबर को NIA ने इस मामले में चार्जशीट दाखिल की, जिसमें लश्कर-ए-तैयबा, उसके प्रॉक्सी संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF), पाकिस्तान स्थित कमांडर साजिद जट्ट और दो स्थानीय सहयोगियों के नाम शामिल हैं।
गृह मंत्री ने कहा कि तकनीक के बढ़ते इस्तेमाल के साथ आतंकवाद का स्वरूप बदल रहा है और सुरक्षा एजेंसियों को भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार रहना होगा। उन्होंने संगठित अपराध के खिलाफ “360-डिग्री हमला” करने की सरकार की रणनीति का भी ऐलान किया।
दो नए राष्ट्रीय डेटाबेस का उद्घाटन
अमित शाह ने दो नए राष्ट्रीय डेटाबेस का उद्घाटन किया- एक संगठित अपराध नेटवर्क से जुड़ा और दूसरा लूटे गए, खोए हुए या बरामद हथियारों का। उन्होंने कहा कि यह डेटाबेस राज्य और केंद्रीय एजेंसियों को अपराधियों, उनके नेटवर्क और कार्यप्रणाली पर त्वरित जानकारी उपलब्ध कराएंगे।
उन्होंने बताया कि संगठित अपराधी अक्सर विदेश जाकर आतंकवादी संगठनों से जुड़ जाते हैं और फिर जबरन वसूली से जुटाए गए पैसों का इस्तेमाल देश में आतंक फैलाने के लिए करते हैं। उन्होंने सभी राज्यों से NIA, CBI और IB के सहयोग से ऐसे नेटवर्क को खत्म करने का आह्वान किया।
गृह मंत्री ने कहा कि NIA ने आतंकवाद विरोधी दस्तों (ATS) के लिए एक समान राष्ट्रीय ढांचा तैयार किया है, जिसे राज्यों को जल्द लागू करना चाहिए। साथ ही, उन्होंने कुछ विशेष जांचों में NATGRID के अनिवार्य उपयोग और “जीरो टेरर पॉलिसी” को मजबूत करने पर जोर दिया।



