डेटिंग में नया रेड फ्लैग : क्या आप हो रहे फ्यूचर-फेकिंग के शिकार?

Future Faking. डेटिंग में बड़े वादों के पीछे छुपा फ्यूचर-फेकिंग का खेल। जानिए इसके संकेत, रेड फ्लैग्स और कैसे पहचानें इमोशनल मैनिपुलेशन।

Future Faking. डेटिंग की दुनिया लगातार बदल रही है और हर कुछ समय में नए शब्द सामने आते हैं, जो रिश्तों के व्यवहार को समझाने में मदद करते हैं। हाल के दिनों में जिस शब्द ने सबसे ज़्यादा ध्यान खींचा है, वह है फ्यूचर-फेकिंग।

आमतौर पर किसी रिश्ते में भविष्य की योजनाओं पर बात करना सकारात्मक माना जाता है। यह कमिटमेंट, गंभीरता और साथ आगे बढ़ने की इच्छा का संकेत देता है। लेकिन जब ये योजनाएं सिर्फ़ शब्दों तक सीमित रहें और उन्हें पूरा करने का कोई वास्तविक इरादा न हो, तो यही व्यवहार फ्यूचर-फेकिंग कहलाता है।

क्या है फ्यूचर-फेकिंग?

फ्यूचर-फेकिंग का मतलब है- भविष्य को लेकर बड़े-बड़े वादे करना, जैसे साथ घूमने जाना, शादी या साथ रहने की बातें करना, लेकिन उन्हें पूरा करने की कोई ठोस योजना या नीयत न होना। यह व्यवहार अक्सर लव बॉम्बिंग जैसा होता है, फर्क सिर्फ़ इतना है कि इसमें प्यार की जगह भविष्य के सपनों का सहारा लिया जाता है।

इसका उद्देश्य सामने वाले व्यक्ति को भावनात्मक रूप से रिश्ते में बांधे रखना होता है, ताकि वह उम्मीदों के सहारे जुड़ा रहे, भले ही हकीकत में कुछ आगे न बढ़ रहा हो।

क्यों होता है यह ज्यादा खतरनाक?

फ्यूचर-फेकिंग पहली नज़र में गंभीर कमिटमेंट जैसी लग सकती है। पार्टनर भरोसेमंद और ईमानदार प्रतीत होता है, लेकिन समय बीतने के साथ यह साफ़ होने लगता है कि न तो कोई ठोस प्लान है और न ही कोई एक्शन।

कैसे पहचानें कि आपके साथ फ्यूचर-फेकिंग हो रही है?

साइकोलॉजी टुडे के अनुसार, फ्यूचर-फेकिंग के कुछ बड़े रेड फ्लैग्स इस प्रकार हैं –

  • किए गए वादे कभी हकीकत में नहीं बदलते
  • पार्टनर ठोस योजना या समयसीमा तय करने से बचता है
  • वादों की याद दिलाने पर आपको “मूड खराब करने वाला” बताया जाता है
  • सार्वजनिक तौर पर प्यार जताना, असली ज़िम्मेदारी की जगह ले लेता है
  • भविष्य की योजनाएं विफल होने पर दोष आपको दिया जाता है
  • रिश्ता हमेशा “कभी-कभी” वाले दौर में अटका रहता है
  • ब्रेक के बाद यह वादा किया जाता है कि अब सब बदलेगा
  • पार्टनर आपसे कुछ शर्तें पूरी करने को कहता है, तभी भविष्य संभव बताया जाता है

क्या यह सच में कोई नया ट्रेंड है?

हालांकि यह शब्द नया हो सकता है, लेकिन व्यवहार बिल्कुल नया नहीं है। द एवरीगर्ल की एक रिपोर्ट में फ्यूचर-फेकिंग की तुलना गैसलाइटिंग से की गई है, क्योंकि दोनों में ही भावनात्मक हेरफेर शामिल होता है।

कई सोशल मीडिया यूज़र्स का मानना है कि यह पैटर्न वर्षों से मौजूद है, बस अब इसे एक नाम मिल गया है। एक यूज़र ने तो इसे साफ़ शब्दों में कहा – “पहले इसे किसी को बेवकूफ बनाना कहा जाता था।”

क्यों ज़रूरी है इसे पहचानना?

फ्यूचर-फेकिंग को नाम मिलने से लोग अब अपने रिश्तों में छुपे नुकसानदायक पैटर्न को बेहतर ढंग से पहचान पा रहे हैं। यह समझना ज़रूरी है कि सिर्फ़ वादे नहीं, बल्कि एक्शन और निरंतरता ही किसी रिश्ते की सच्चाई बताते हैं।

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