
नई दिल्ली। महाराष्ट्र में आगामी पुणे नगर निगम चुनाव से पहले राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं। सत्तारूढ़ महायुति में शामिल राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के नेता और राज्य के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने विपक्षी कांग्रेस से संभावित गठबंधन को लेकर संपर्क साधा है, जिससे राज्य की राजनीति में नए समीकरणों की चर्चा शुरू हो गई है।
सूत्रों के अनुसार, अजित पवार ने रविवार रात कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सतेज पाटिल से टेलीफोन पर बातचीत की। इस बातचीत में पुणे महानगरपालिका चुनाव में आपसी तालमेल, सीटों के बंटवारे और साझा रणनीति पर चर्चा की गई। बताया जा रहा है कि अजित पवार ने कांग्रेस के साथ मिलकर चुनाव लड़ने की संभावना टटोलते हुए औपचारिक बातचीत आगे बढ़ाने का प्रस्ताव रखा।
हालांकि कांग्रेस की ओर से इस पर फिलहाल कोई ठोस आश्वासन नहीं दिया गया है। सतेज पाटिल ने अजित पवार से कहा कि इस तरह के किसी भी गठबंधन पर फैसला पार्टी के भीतर विचार-विमर्श के बाद ही लिया जा सकता है। कांग्रेस का स्पष्ट रुख है कि 165 सदस्यों वाली पुणे नगर निगम परिषद में वह सम्मानजनक हिस्सेदारी चाहती है और कम सीटों पर समझौता करने के मूड में नहीं है।
सूत्रों का कहना है कि संभावित गठबंधन की राह आसान नहीं है। कांग्रेस नेतृत्व का मानना है कि महाविकास आघाड़ी के लोकसभा सीट बंटवारे के फॉर्मूले के अनुसार पुणे लोकसभा सीट कांग्रेस के हिस्से में आती है। ऐसे में नगर निगम चुनाव कांग्रेस के लिए अपनी जमीनी ताकत साबित करने का अहम मौका है। इसी वजह से पार्टी किसी ऐसे गठबंधन को लेकर सतर्क है, जिसमें उसकी राजनीतिक स्थिति कमजोर पड़ सकती है।
अलग लड़ेंगे नगर निगम चुनाव
इस बीच यह भी स्पष्ट हो चुका है कि भारतीय जनता पार्टी और अजित पवार गुट की एनसीपी पुणे नगर निगम चुनाव अलग-अलग लड़ने की तैयारी में हैं। वहीं कांग्रेस, अजित पवार की पहल पर विचार करने के साथ-साथ अपने पारंपरिक महाविकास आघाड़ी सहयोगियों – शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) और शरद पवार की एनसीपी (एसपी) से भी लगातार बातचीत कर रही है।
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राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि अगर यह संवाद आगे बढ़ता है तो सीटों के बंटवारे को लेकर कांग्रेस की ‘सम्मानजनक हिस्सेदारी’ की मांग सबसे बड़ी चुनौती बनेगी। फिलहाल अजित पवार की इस पहल ने महाराष्ट्र की राजनीति में संभावित नए गठबंधनों की अटकलों को जरूर तेज कर दिया है।



