Bihar Hijab Case:बिहार में हिजाब प्रकरण से जुड़ी महिला डॉक्टर नुसरत परवीन इन दिनों देश की सुर्खियों में हैं। डॉक्टर नुसरत के हिजाब प्रकरण में झारखंड की राजनीतिक सरगर्मी इस ठंड में बढ़ गई है।झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी की ओर से घोषणा की गई है कि अगर डॉ. नुसरत परवीन झारखंड में सेवा देती है तो उन्हें तीन लाख रुपये मासिक वेतन दिया जाएगा। इसके साथ ही उन्हें उनकी मनचाही पोस्टिंग और रहने के लिए सरकारी आवास (फ्लैट) की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी।
वहीं चाईबास में चार साल के मासूम के शव को थैले में ले जाने के मामला भी तुल पकड़ रहा है। चांदनक्यारी के पूर्व विधायक अमर बाउरी ने इन दोनों मामले पर स्वास्थ मंत्री पर जमकर हमला बोला। तो वहीं, पूर्व मंत्री बादल पत्रलेख ने चुप्पी साध ली।
मीडिया से बातचीत के दौरान अमर बाउरी ने कहा कि यह सरकार जो भी दावा करती है, उसकी हकीकत और सच मन को झकझोर देने वाला है। उन्होंने कहा कि दो घटनाओं की पूरे विश्व में चर्चा है। एक बांग्ला देश में युवा को जिंदा जला देने की घटना और दूसरा झारखंड के अंदर चाईबासा में एक पिता द्वारा अपने चार साल के मृत बच्चे के शव को 20 रुपये के थैले में टांगकर अस्पताल से अपने घर ले जाना। यह सरकार उन्हें एक एंबुलेंस भी उपलब्ध नहीं करा सकी। ऐसे सरकार के लिए किस शब्द का इस्तेमाल किया जाए, जो सरकार के जेहन में लगे और कुछ संजीदगी दिखाएं।
वहीं, डॉक्टर नुसरत परवीन को स्वास्थ मंत्री के द्वारा ऑफर दिए जाने पर अमर बाउरी ने कहा कि मंत्री को यह पता ही नहीं कि बाबा साहब के संविधान के अंतर्गत वह गणराज्य के मंत्री हैं ना कि मुगल साम्राज्य के मंत्री हैं।तुष्टिकरण, वोट बैंक की राजनीति और नियमों के परे जाकर कुछ भी करने को तैयार है। किस नियम और कानून से वह देंगें, यही नहीं मंत्री के पद पर रहते अगर देंगे तो हजारों युवा यहां घूम रहें हैं, सिर्फ उन्हीं को देने की जरूरत क्या हैं। किसी दलित के बच्चे और एसटी के बच्चे को क्यों नहीं दे रहें हैं। अपने ही जमात को यह ऑफर क्यों दे रहें हैं। कुल मिलाकर सिर्फ बोलने, लूटने और भ्रष्टाचार के लिए यह सरकार है।
उन्होंने कहा कि यह सरकार निर्किष्ट और निकम्मा का सबसे बड़ा चेहरा है। कुछ ना कर सिर्फ सुर्खियों में बने रहना इनका काम है। लोग इलाज के लिए सरकारी अस्पताल जाते हैं, लेकिन उसके जगह पर उन्हें मौत मिलती है। शेख चिल्ली की किताबें इन्होंने बहुत पढ़ी हैं, इसलिए लंबी लंबी हांकते रहते हैं।
वहीं, पूर्व मंत्री बादल पत्रलेख ने चाईबासा कांड पर कहा कि इस मामले में जांच के आदेश दिए गए हैं, जो भी दोषी होंगे उनके खिलाफ कार्रवाई जरूर की जाएगी। इसके साथ ही डॉ नुसरत परवीन मामले पर वो बड़े ही हिचकिचाहट के साथ मामला जानने के बाद कुछ कहने की बात कह गए। बता दें कि एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने शनिवार को अमर बाउरी और बदल पत्रलेख धनबाद पहुंचे थे। जहां उन्होंने मीडिया से बात करते हुए ये बाते कहीं।
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